UPPCL: यूपी में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत, 3.45 करोड़ लोगों के बिल में बचेंगे 113.54 करोड़ रुपये
लखनऊ के बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है! अक्टूबर में बिजली बिल 1.63% कम आएगा क्योंकि फ्यूल सरचार्ज घट गया है। बिजली कंपनियां लगभग 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं से 113.54 करोड़ रुपये कम वसूलेंगी। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि कंपनियों को उपभोक्ताओं के सरप्लस से ही ईंधन अधिभार समायोजित करना चाहिए। आगे भी ईंधन अधिभार में कमी की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली उपभोक्ताओं को अक्टूबर में 1.63 प्रतिशत कम बिजली का बिल देना होगा। फ्यूल सरचार्ज (ईंधन अधिभार) के एवज में बिजली कंपनियां लगभग 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं से सितंबर के बिल में 113.54 करोड़ रुपये कम वसूलेंगी। हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष के टैरिफ निर्धारण के लिए चल रही प्रक्रिया से अगले माह से मौजूदा बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के तहत जनवरी से बिजली कंपनियों को प्रत्येक माह स्वतः फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (ईंधन अधिभार शुल्क) तय करने का अधिकार है। ऐसे में प्रतिमाह बिजली महंगी-सस्ती हो रही है। सितम्बर में उपभोक्ताओं से 2.34 प्रतिशत ज्यादा बिल वसूला गया है।
जानकारों का कहना है कि अगले महीनों में भी ईंधन अधिभार में कमी हो सकती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को और राहत मिल सकती है। विदित हो कि कोयले व अन्य ईंधन की लागत कम-ज्यादा होने से ईंधन अधिभार शुल्क बढ़ता-घटता है।
फ्यूल सरचार्ज घटने का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस बना हुआ है। ऐसे में बिजली कंपनियों को चाहिए कि हर महीने ईंधन अधिभार शुल्क की जो भी वसूली हो, उसे उपभोक्ताओं के सरप्लस में से ही समायोजित किया जाए।
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