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    यूपी के इन दो ज‍िलों में जमीनों की रजिस्ट्री में बड़ा फर्जीवाड़ा, सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान; नपेंगे कई कर्मचारी

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पीलीभीत व लखीमपुर खीरी में भूखंडों की रजिस्ट्री में बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। आयकर विभाग की जांच में इसका राजफाश हुआ है। दोनों जिलों के उपनिबंधन कार्यालयों की शुरुआती जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि करीब 250 से ज्यादा रजिस्ट्रियां फर्जी पैन नंबर अंकित करके की गई हैं। इससे सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है।

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    भूखंडों की रजिस्ट्री में बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पीलीभीत व लखीमपुर खीरी में भूखंडों की रजिस्ट्री में बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। आयकर विभाग की जांच में इसका राजफाश हुआ है। दोनों जिलों के उपनिबंधन कार्यालयों की शुरुआती जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि करीब 250 से ज्यादा रजिस्ट्रियां फर्जी पैन नंबर अंकित करके की गई हैं। इससे सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है। साथ ही इन भूखंडों की खरीद में कालेधन के रूप में 1,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया है। विभाग ने संबंधित लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।

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    आयकर विभाग ने सितंबर के पहले सप्ताह में दोनों जिलों के उपनिबंधन कार्यालयों का सर्वेक्षण किया है। इस दौरान विभाग की टीमों द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों की पड़ताल के बाद बड़े पैमाने पर कालेधन को खपाने का मामला सामने आया है। लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी क्षेत्र के उपनिबंधन कार्यालय से बरामद किए गए दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है कि करीब 50 से ज्यादा भूखंडों की रजिस्ट्री की सूचना ही आयकर विभाग को नहीं दी गई।

    नियमानुसार 30 लाख रुपये से ज्यादा के भूखंड की रजिस्ट्री होने पर उसकी सूचना आयकर विभाग को देनी जरूरी होती है, जबकि 10 लाख रुपये से ऊपर के भूखंडों की रजिस्ट्री पैन नंबर अंकित करने के बाद ही की जा सकती है। इसके बाद भी उपनिबंधन कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से मोहम्मदी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कालेधन को खपाने के लिए फर्जी पैन नंबर अंकित करने भूखंडों की रजिस्ट्री किए जाने का गोरखधंधा चल रहा है।

    विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी प्रकार पीलीभीत में 180 से ज्यादा भूखंडों की खरीद में कालेधन का इस्तेमाल किया गया है। इसकी जानकारी मिलने पर विभाग की चार टीमों ने एक सप्ताह से अधिक समय तक पीलीभीत के उपनिबंधन कार्यालयों का सर्वेक्षण कर कई दस्तावेज जब्त किए हैं। इनकी जांच की जा रही है। फिलहाल अभी तक की जांच में इस बात का राजफाश हुआ है कि पीलीभीत में रियल एस्टेट के कारोबारियों ने कालेधन से सीमा पर स्थित भूखंड खरीदे हैं।

    पांच वर्षों से चल रहा है कालाधन खपाने का गोरखधंधा

    आयकर विभाग ने अभी केवल एक वर्ष के दस्तावेजों की पड़ताल की है। पीलीभीत में करीब 350 करोड़ रुपये और लखीमपुर खीरी में करीब 300 करोड़ रुपये के भूखंडों की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। पांच वर्षों में दोनों जिलों में की गई भूमि की खरीद-फरोख्त की जांच पूरी होने के बाद यह राशि कई गुणा ज्यादा निकलने की आशंका है।

    नपेंगे उपनिबंधन कार्यालय के कई कर्मचारी

    आयकर विभाग को सूचना न देने के मामले में दोनों जिलों के उपनिबंधन कार्यालयों में तैनात कई कर्मचारियों के नपना तय माना जा रहा है। जांच पूरी करने के बाद आयकर विभाग उपनिबंधन कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहे गोरखधंधे की जानकारी संबंधित विभाग के साथ केंद्र व राज्य सरकार को भी देगा।

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