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    आपको बेवकूफ बनाने के लिए आएगा बैंक लेन-देन का मैसेज, ये है फ्रॉड का नया तरीका; इस तरह होगी पहचान

    Updated: Fri, 01 Nov 2024 07:22 PM (IST)

    बैंकिंग फ्रॉड और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच एक नया तरीका सामने आया है जिसमें बैंकों के नाम से फर्जी मैसेज भेजे जा रहे हैं। हाल ही में एक व्यक्ति को एक ऐसा मैसेज प्राप्त हुआ जिसमें उसके नाम से जुड़े अकाउंट से 200 रुपये की UPI -यूपीआई ट्रांजेक्शन की सूचना दी गई थी जबकि वह व्यक्ति उस बैंक में खाता धारक नहीं था।

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    आपको बेवकूफ बनाने के लिए आएगा बैंक लेन-देन का मैसेज - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    विवेक राव, लखनऊ। बैंकिंग फ्रॉड और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच, एक नया तरीका सामने आया है जिसमें बैंकों के नाम से फर्जी मैसेज भेजे जा रहे हैं। हाल ही में, एक व्यक्ति को एक ऐसा मैसेज प्राप्त हुआ जिसमें उसके नाम से जुड़े अकाउंट से 200 रुपये की UPI -यूपीआई ट्रांजेक्शन की सूचना दी गई थी, जबकि वह व्यक्ति उस बैंक में खाता धारक नहीं था। इसे साइबर फ्रॉड का नया तरीका माना जा रहा है, जिसमें लोगों को भ्रमित कर उनके बैंकिंग और निजी जानकारी चुराई जा सकती है।

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    मैसेज का फर्जीवाड़ा कैसे काम करता है?

    स्टेट बैंक के अधिकारी सुशील कुमार के अनुसार, यह घटना उन तरीकों का हिस्सा हो सकती है जिनमें फ्रॉड करने वाले व्यक्ति को ऐसे मैसेज भेजते हैं ताकि वह अपने बैंक खाते की जानकारी या पासवर्ड स्वयं साझा कर दे। मैसेज में ‘अकाउंट को ब्लॉक करने’ और ‘साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने’ के विकल्प भी दिए गए थे, जो कि एक साधारण व्यक्ति को डराने और प्रतिक्रिया देने के लिए होते हैं। इस प्रकार के फर्जी संदेश आमतौर पर इस प्रकार तैयार किए जाते हैं कि व्यक्ति उस पर तुरंत प्रतिक्रिया दे और अपनी बैंकिंग जानकारी साझा कर दे।

    कैसे पहचानें कि यह फर्जी मैसेज है?

    1. बैंक की जानकारी सत्यापित करें: ऐसे मामलों में सबसे पहले अपने बैंक से सीधे संपर्क करें और लेन-देन की सत्यता की पुष्टि करें।

    2. कस्टमर केयर से जांच करें: कभी भी ऐसे संदेशों में दिए गए नंबर पर तुरंत कॉल न करें। पहले बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर उनके कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें।

    3. अवांछित जानकारी न दें: किसी भी स्थिति में बैंकिंग पासवर्ड, ओटीपी या अन्य जानकारी साझा न करें।

    बचाव के उपाय

    बैंकों और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए सभी को बैंकिंग अलर्ट्स का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए। यदि आपको ऐसा कोई संदिग्ध मैसेज प्राप्त होता है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें और अपने बैंक को इसकी सूचना दें। ऐसी घटनाओं में सतर्कता और सावधानी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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