Better Connectivity : यूपी में बढ़ेगी कनेक्टिविटी, योगी आदित्यनाथ सरकार सीआरआई फंड से कराएगी के दस सेतुओं का निर्माण
For Better Connectivity in UP इस योजना के जरिए जिन सेतुओं का निर्माण होना प्रस्तावित है उसमें मुख्यतः रेल ओवरहेड ब्रिज (आरओबी) और रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) प्रस्तावित है। इसके साथ ही सीआरआई फंड के इस्तेमाल से मार्गों के निर्माण चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के कार्यों को पूरा करने की तैयारी है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम कनेक्टिविटी युक्त प्रदेश’ के तौर पर परिवर्तित करने जा रही है। सरकार रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के विजन को आगे बढ़ा रही है।
प्रदेश में पीएम नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय राज्यमार्गों के निर्माण व विकास समेत विभिन्न प्रकार की बड़ी योजनाओं पर कार्य जारी है तो सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश एक्सप्रेसवे स्टेट के रूप में परिवर्तित हो रहे है। इस कड़ी में लोकनिर्माण विभाग ने एक खाका तैयार किया है।
जिसके तहत सेतु बंधन की दस परियोजनाओं को 1,111 करोड़ की लागत से पूरा करने की तैयारी है। इस योजना के जरिए जिन सेतुओं का निर्माण होना प्रस्तावित है उसमें मुख्यतः रेल ओवरहेड ब्रिज (आरओबी) और रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) प्रस्तावित है। इसके साथ ही सीआरआई फंड के इस्तेमाल से मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के कार्यों को पूरा करने की तैयारी है।
टीवीयू और उपयोगिता के आधार को ध्यान में रखकर होगा निर्माण
सीआरआई फंड के इस्तेमाल से लोकनिर्माण विभाग प्रदेश में जिन दस आरओबी व आरयूबी के निर्माण व विकास की प्रक्रिया पर काम करेगा, वह उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की देखरेख में पूरा किया जाएगा। कार्यों के चयन का निर्धारण टीयूवी व उपयोगिता के आधार पर किया जाता है। टेन व्हीकल यूनिट्स (टीयूवी) लेवल क्रॉसिंग गेट्स के वर्गीकरण में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है।
यह दर्शाता है कि एक दिन में औसतन कितनी ट्रेनें और यातायात वाहनों का उस सेक्शन से आना-जाना होता है। ऐसे में सेतुओं के निर्माण में उन सेक्शंस पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाता है, जिनकी टीयूवी संख्या अधिक है। इसे भविष्य की जरूरतों के अनुरूप विकसित करने पर कार्य हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में 1,111 करोड़ की लागत से दस सेतुओं के निर्माण को स्वीकृति दी थी, जिस पर मौजूदा वित्तीय वर्ष में कार्य होना प्रस्तावित है। इनमें से प्रत्येक सेतुओं के निर्माण में 50 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की जाएगी और इनके पूरा होने से कनेक्टिविटी में विस्तार के साथ ही उचित यातायात प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।
मार्ग निर्माण में भी सीआरआई फंड का होगा इस्तेमाल
केंद्रीय मार्ग एवं अवसंरचना निधि का इस्तेमाल प्रदेश में सेतु निर्माण के साथ ही मार्गों के निर्माण में भी किया जाना प्रस्तावित है। लोकनिर्माण विभाग ने इसकी भी एक कार्ययोजना तैयार की है। इसके अनुसार, भारत सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में 136 करोड़ की लागत से कार्यों को पूरा करने का अनुमोदन किया गया था जिसे इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत मुख्यतः मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, बाइपास व रिंग रोड निर्माण तथा राष्ट्रीय मार्ग के समानान्तर सर्विस मार्गों के निर्माण जैसे कार्यों को पूर्ण किया जाता है। इसमें दस किलोमीटर या उससे अधिक लंबाई के मार्गों को सम्मिलित किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण व यूटिलिटी शिफ्टिंग जैसे कार्यों को राज्य सरकार ही पूरा करती है।
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