UP AYUSH Counseling 2023: आयुष काउंसलिंग में लगी सेंध, हैकरों ने 30 अभ्यर्थियों के बदल दिए कॉलेज; मचा हड़कंप
AYUSH NEET UG 2023 आयुष कॉलेजों में दाखिले के लिए चल रही प्रवेश काउंसिलिंग में सेंधमारी कर 30 अभ्यर्थियों के कॉलेज बदलने का मामला सामने आया है। उन्होंने साइबर क्राइम सेल में भी धोखाधड़ी की शिकायत की कि तब जिम्मेदार जागे और अब निदेशक होम्योपैथी और काउंसिलिंग बोर्ड के सचिव प्रो. अरविंद कुमार वर्मा की ओर से विभूति खंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आयुष कॉलेजों में दाखिले के लिए चल रही प्रवेश काउंसिलिंग में सेंधमारी कर 30 अभ्यर्थियों के कॉलेज बदलने का मामला सामने आया है। यूपी आयुष यूजी काउंसिलिंग-2023 के दूसरे चरण में अभ्यर्थियों के मनचाहे कालेज के विकल्प गड़बड़ी कर बदल दिए गए।
अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत काउंसिलिंग बोर्ड से ई-मेल व हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से की। उन्होंने साइबर क्राइम सेल में भी धोखाधड़ी की शिकायत की कि तब जिम्मेदार जागे और अब निदेशक होम्योपैथी और काउंसिलिंग बोर्ड के सचिव प्रो. अरविंद कुमार वर्मा की ओर से विभूति खंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
दूसरे चरण में गड़बड़ी का मामला आया सामने
बीते बुधवार को आयुष काउंसिलिंग के दूसरे चरण में गड़बड़ी का यह मामला सामने आया। आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी के सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में दाखिले की काउंसिलिंग के लिए राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कालेज को नोडल सेंटर बनाया गया है।
बीएएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस कोर्स में दाखिले के लिए काउंसिलिंग में प्रतिभाग कर रहे अभ्यर्थियों ने दाखिले के लिए जिन कालेजों का विकल्प भरा था, वह अचानक बदल दिए गए। काउंसिलिंग बोर्ड को ईमेल व हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से शिकायत करने के साथ-साथ 12 अभ्यर्थियों ने तो च्वाइस फिलिंग का आइपी एड्रेस, दिनांक और उसकी सूची भेजी।
धीरे-धीरे अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 30 तक पहुंच गई है। आगे और यह संख्या बढ़ सकती है। एनआइसी के माध्यम से यह काउंसिलिंग कराई जा रही है। ऐसे में अब शक हैकरों के ऊपर जा रहा है। बीते दो साल पहले भी आयुष काउंसिलिंग में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई थी। उस समय निजी वेंडर ने बड़ी संख्या में छात्रों का रिजल्ट बदल दिया था और फर्जी छात्र दाखिला पा गए थे।
तत्कालीन आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह के अलावा कई लोगों को धांधली के आरोप में जेल भेजा गया था। उसके बाद काउंसिलिंग की प्रक्रिया एनआइसी के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया। अब फिर काउंसिलिंग में धांधली सामने आ गई है।
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