अयोध्या में अंगद टीला पर अति विशिष्ट शैली में होगी रामलीला, 29 और 30 दिसंबर को होगा मंचन
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा अयोध्या के अंगद टीला पर 29 और 30 दिसंबर को विशेष रामलीला का आयोजन किया जाएगा। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वव ...और पढ़ें

अंगद टीला पर अति विशिष्ट शैली में होगी रामलीला।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से आयोजित कराई जाने वाली रामलीला परंपरा से हटकर विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। इसके दो दिवसीय मंचन में प्रसंग रामचरितमानस व वाल्मीकि रामायण के होंगे, किंतु प्रस्तुतिकरण गायन व नृत्य अतिविशिष्ट शैली में होगा।
अंगद टीला परिसर में बने मंच पर 29 व 30 दिसंबर को गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ की छात्र-छात्राएं दो दिवसीय रामलीला का मंचन करेंगी।
कार्यक्रम के निर्देशक राहुलराज तिवारी के अनुसार पहले दिन 29 दिसंबर को परिचय के साथ स्वर्गलोक, पुत्र कामेष्टि यज्ञ, रामजन्म एवं नामकरण संस्कार, शिक्षा ग्रहण, ताड़का वध, सीता स्वयंवर एवं परशुराम संवाद, कैकई-मंथरा संवाद, वनगमन, केवट संवाद, कैकई-भरत संवाद, भरत मिलाप, सूर्पणखा प्रसंग, सीताहरण, जटायु प्रसंग व मां शबरी भेंट सहित 17 प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
दूसरे दिन 30 दिसंबर को किष्किंधा कांड के प्रसंग राम-हनुमान भेंट, सुग्रीव-राम भेंट, सुग्रीव-बालि युद्ध, हनुमान-सीता भेंट, लंकादहन, लंका से हनुमान की वापसी, राम-विभीषण संवाद, रामसेतु निर्माण, अंगद-रावण संवाद, युद्ध प्रारंभ, रावण का प्रथम दिन युद्ध में आगमन, कुंभकरण का आगमन, मेघनाथ एवं संजीवनी बूटी प्रसंग, रावण से अंतिम युद्ध व रावण-लक्ष्मण संवाद सहित 16 प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केंद्र के प्रभारी ओंकारनाथ सिंह ने बताया कि देश में परंपरागत रूप से होने वाली गद्य संवाद शैली की रामलीलाओं से अलग नृत्य व गायन संवाद को प्रमुखता दी गई है।
वाद्य यंत्रों की मद्धिम पार्श्व ध्वनि के साथ कलाकारों का गीतमय संवाद अपने आप में अनोखी प्रस्तुति होगी। 40 सदस्यीय मंचन टीम में शास्त्रीय एवं सामान्य प्रचलित संगीत का मिश्रण किया गया है।

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