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टीसीएस की लखनऊ युनिट बंद होने की सुगबुगाहट, योगी बोले, 'कहीं नहीं जाएगी टीसीएस'

कंपनी नोएडा में अपना सेंटर स्थापित करना चाहती है जहां 20 हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Fri, 14 Jul 2017 09:45 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jul 2017 01:02 PM (IST)
टीसीएस की लखनऊ युनिट बंद होने की सुगबुगाहट, योगी बोले, 'कहीं नहीं जाएगी टीसीएस'
टीसीएस की लखनऊ युनिट बंद होने की सुगबुगाहट, योगी बोले, 'कहीं नहीं जाएगी टीसीएस'

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की ओर से अपना लखनऊ कार्यालय बंद किए जाने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि टीसीएस लखनऊ नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि टीसीएस का लखनऊ कार्यालय किराये के भवन में चल रहा है।

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किराया ज्यादा होने के कारण कंपनी अपने कार्यालय को कहीं और ले जाना चाहती है। कंपनी नोएडा में अपना सेंटर स्थापित करना चाहती है जहां 20 हजार लोगों को रोजगार देने की योजना है। कंपनी के लखनऊ केंद्र के आईटी पेशेवरों को नोएडा सेंटर स्थानांतरित करने की मंशा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही देर रात टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की लखनऊ इकाई के बंद न होने का आश्वासन दिया हो, लेकिन दिनभर कंपनी के कर्मचारियों व परिवारों में इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन किसी को नौकरी से नहीं निकालेगा, लेकिन उन्हें अन्य बड़े शहरों में भेजा जाएगा।

वहीं गुरुवार को हुई एचआर की बैठक में इंप्लाइज को मीडिया से बातें शेयर न करने की सख्त हिदायत भी दे दी गयी। मालूम हो कि टीसीएस के वाइस प्रेसीडेंट व उत्तर क्षेत्र के प्रमुख ने लखनऊ पहुंचकर विभिन्न प्रोजेक्ट्स के प्रमुखों को दिसंबर तक अपने काम पूरे करने व प्रोजेक्ट्स को नोएडा या इंदौर शिफ्ट करने की स्थिति में लाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से टीसीएस कर्मचारियों में तनाव है।

वह अपनी जॉब को लेकर भी असुरक्षा महसूस कर रहे हैं, जबकि सीएम ने गुरुवार देर रात कंपनी को शहर से न जाने देने की बात कही है। उनका कहना है कि ऑफिस के किराए को लेकर कुछ बात है, जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। शुक्रवार को भी कंपनी के अधिकारियों को सीएम ने बातचीत के लिए बुलाया है।

एक साल से चल रही थी सुगबुगाहट: टीसीएस कर्मियों का कहना था कि इंप्लाइज के कटऑफ की करीब एक साल से सुगबुगाहट चली आ रही थी। मगर प्रबंधन द्वारा इसे इंप्लाइज के सामने नहीं लाया गया था। हम सभी इसे महज अफवाह मान चुके थे।

कर्मचारी ही नहीं परिवार भी परेशान: टीसीएस ने साल 2008 में अपनी लखनऊ ईकाई शुरू की। कंपनी में करीब दो हजार कर्मचारी सीधे और करीब इतने ही अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं। ऐसे में लखनऊ इकाई को बंद किए जाने से टीसीएस कर्मियों के परिवार के करीब दस हजार लोगों पर भी गाज गिरी है।

बिल्डिंग के किराए के नाम पर गुमराह करने का आरोप: टीसीएस द्वारा लखनऊ इकाई बंद करने के कारण पर कर्मचारियों ने कंपनी पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि टीसीएस की नोएडा, कोच्चि व मुंबई समेत अन्य कई जगह इकाइयां हैं। ऐसे में सिर्फ लखनऊ इकाई को परिसर के किराए के कारण बंद किए जाने की दलील बेबुनियाद है।

सोशल मीडिया पर शुरू हुई कैम्पेन: टीसीएस इंप्लाइज ने कंपनी की लखनऊ इकाई को बंद करने से बचाने के लिए ट्विटर पर सेव टीसीएस मीडिया कैम्पेन शुरू की है, जिसे सैकड़ो टीसीएस कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा है। कर्मचारियों ने इस मुहिम में मीडिया के साथ सरकार से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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एचआर हेड ने काटा किनारा: मामले के बाबत टीसीएस की स्थानीय एचआर हेड प्रेरणा अग्रवाल से बात करने का प्रयास किया गया तो रिसेप्शन पर यह कहकर फोन काट दिया गया कि एचआर हेड ने किसी भी विषय पर बात करने से इंकार कर रखा है।

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