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    Allahabad High Court : हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले पर लगाई मुहर, पांच हजार स्कूलों के विलय का ठहराया सही

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 04:51 PM (IST)

    Allahabad High Court कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। सरकार 16 जून 2025 को आदेश जारी किया गया था। इसके तहत कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को आसपास के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाना है। इस आदेश को सीतापुर के साथ पीलीभीत के लोगों ने भी चुनौती दी थी।

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    हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले पर लगाई मुहर,

    जागरण संवाददाता, लखनऊ । इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने योगी आदित्यनाथ सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के पांच दजार स्कूलों के विलय को वैध ठहराते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सरकार के फैसले के खिलाफ 51 बच्चों की याचिका खारिज कर दी। सीतापुर के बच्चों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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    न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराया। कोर्ट ने साफ कहा कि सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। काेर्ट ने कहा कि यह फैसला बच्चों के हित में है। ऐसे मामलों में नीतिगत फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती, जब तक कि वह असंवैधानिक या दुर्भावनापूर्ण न हो।

    दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को एक आदेश जारी किया था। इसमें यूपी के हजारों स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगासरकार 16 जून 2025 को आदेश जारी किया गया था। इसके तहत कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को आसपास के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाना है।

    इस आदेश को सीतापुर के साथ पीलीभीत के लोगों ने भी चुनौती दी थी। सीतापुर के अलावा पीलीभीत के ब्लॉक बिलसंडा के ग्राम चांदपुर निवासी सुभाष, यशपाल यादव और अत्येंद्र कुमार ने प्राइमरी स्कूलों के विलय को चुनौती दी है। सोमवार को ही लोगों ने सरकार की स्कूल पेयरिंग नीति के खिलाफ याचिका दायर की थी।

    याचिका में राज्य सरकार, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, शिक्षा निदेशक (बेसिक), बेसिक शिक्षा बोर्ड, प्रयागराज, क्षेत्रीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) पीलीभीत के जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी, बिलसंडा को प्रतिवादी बनाया गया।

    याचिकाकर्ताओं ने याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें बच्चों की संख्या के आधार पर प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालयों में विलय करने की बात कही है। इन सधी का कहना है कि यह आदेश न केवल बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच को भी प्रभावित करता है।

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