GST पर ये क्या बोल गए अखिलेश यादव, नंद गोपाल नंदी ने दे दी ट्यूशन लेने की नसीहत
लखनऊ में जीएसटी बचत उत्सव के बीच अखिलेश यादव और नंद गोपाल नंदी के बीच ज़ुबानी जंग छिड़ गई। अखिलेश ने नंदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस और रवि किशन के जीएसटी ज्ञान पर सवाल उठाए जिसके जवाब में नंदी ने अखिलेश को जीएसटी पर ट्यूशन लेने की सलाह दी। दोनों नेताओं के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ जिसमें एक-दूसरे पर कटाक्ष किए गए।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र से लेकर राज्य सरकार और भाजपा संगठन द्वारा चलाए जा रहे जीएसटी बचत उत्सव के बीच मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी के बीच वार-पलटवार हुआ। सपा प्रमुख ने नंदी की पत्रकार वार्ता और गोरखपुर सांसद रवि किशन के जीएसटी ज्ञान पर टिप्पणी की। जिसके जवाब में नंदी ने सपा प्रमुख को जीएसटी पर ट्यूशन लेने की सलाह दे डाली।
मंगलवार को औद्योगिक विकास मंत्री की पत्रकार वार्ता में एक प्रश्न को बेतुका बताकर उत्तर नहीं दिया था। सपा प्रमुख ने इसे लेकर एक्स पर ‘नोटबंदी के बाद नोटनंदी’ का तंज करते हुए लिखा कि जब भाजपाई जवाब नहीं दे पाते तो सही सवाल को बेतुका बता रहे हैं।
वहीं गोरखपुर सांसद के बयान को लेकर एक अन्य पोस्ट में लिखा कि जीएसटी के नाम पर ''''उदाहरण के साथ'''' सब चीज़ों का रेट 50 प्रतिशत पर बताने वाले ऐसे लोग, जिन्हें कुछ भी नहीं पता वो न ही बोलें तो भला है। ये झूठे भले न हों, पर अज्ञानी जरूर हैं। अभी इनके पास दिल्ली या वित्त मंत्री जी की तरफ़ से ''''समझाइश के रूप में डपटाई'''' का फोन आता होगा... ऐसा फोन लखनऊ से नहीं आएगा, क्योंकि उधर भी हाल ऐसा ही है।
इसके बाद नंदी ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेशजी याद है कि भूल गए? आपके कार्यकाल में माफियाओं ने प्रदेश के विकास और तरक्की की नसबंदी कर दी थी। आपके मुंह से नोटबंदी शब्द वैसे ही लगता है, जैसे ओसामा बिन लादेन विश्व शांति की बात कर रहा हो।
सवाल जरूर बेतुके होते हैं, जिनके बेतुके जवाब देकर ही आपको उप्र के पप्पू के रूप में ख्याति मिल रही है। मेरी तो आपको भी सलाह है कि बेतुके जवाबों और बयानों से बचिए, कम से कम पूर्व मुख्यमंत्री के पद की गरिमा, गंभीरता और मर्यादा तो बनी रहेगी। उप्र की जनता को मालूम है कि विरासत में गद्दी तो मिल सकती है लेकिन बुद्धि नहीं। बाकी पहले किसी अच्छे ट्यूटर से जीएसटी के बारे में ट्यूशन लीजिए, आपको जीएसटी सही ढंग से लिखना तो सिखा ही देगा।
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