लोकसभा चुनाव: परिवार को भी सहेजने में जुटे अखिलेश यादव, 'मुलायम फैमिली' के सदस्य इन सीटों पर ठोक सकते हैं ताल
Mulayam Family अखिलेश का खास फोकस समाजवादियों का गढ़ रही व पिछले चुनाव में बहुत कम वोटों से हार वाली सीटों पर है। इनके जरिए सपा मुखिया परिवार को भी सहेजने में लग गए हैं। अखिलेश को समझ में आ गया है कि कैसे कुछ सीटों को कब्जे में किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने फोकस उन सीटों पर बढ़ा दिया है जहां से यादव परिवार चुनाव लड़ता है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ''पीडीए'' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के साथ ही उन सीटों पर फोकस बढ़ाया है जिनमें परिवार के सदस्य लड़ते हैं।
अखिलेश का खास फोकस समाजवादियों का गढ़ रही व पिछले चुनाव में बहुत कम वोटों से हार वाली सीटों पर है। इनके जरिए सपा मुखिया परिवार को भी सहेजने में लग गए हैं। अखिलेश को समझ में आ गया है कि थोड़ी से मेहनत कर इन सीटों पर फिर से कब्जे में किया जा सकता है।
अखिलेश के इस्तीफा देने से रिक्त हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में सपा ने पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा था किंतु वे चुनाव हार गए थे। अब धर्मेंद्र को फिर से उनकी पुरानी सीट बदायूं से चुनाव लड़ाने की तैयारी है।
खुद अखिलेश यादव पिछले दिनों बदायूं लोकसभा सीट की समीक्षा बैठक में इसके संकेत दे चुके हैं। फिरोजाबाद लोकसभा सीट से प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव मैदान में उतरेंगे। इसका खुलासा खुद चाचा शिवपाल सिंह यादव ने पिछले दिनों फिरोजाबाद में हुए लोक जागरण अभियान के दौरान कर दिया था।
उन्होंने अक्षय के साथ अपनी तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करते हुए लिखा...''इस बार ये चाचा फिरोजाबाद संसदीय चुनाव में अक्षय की विजय निमित्त बनेंगे।'' वर्ष 2019 के चुनाव में अक्षय 28 हजार वोटों से शिवपाल यादव के कारण ही चुनाव हार गए थे।
शिवपाल उस समय अखिलेश से नाराज चल रहे और उन्होंने इस सीट से अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर 91 हजार से अधिक वोट पाए थे।
कन्नौज से अखिलेश यादव खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। अखिलेश ने पिछले चुनाव में यहां से अपनी पत्नी डिंपल को मैदान में उतारा था किंतु वह 12 हजार वोटों से चुनाव हार गईं थीं।
अखिलेश यह जानते हैं कि इस सीट पर थोड़ी से मेहनत करने से यह सीट फिर उनके कब्जे में आ सकती है। यही वजह है कि जब भी अखिलेश को मौका मिलता है वे कन्नौज प्रचार के लिए पहुंच जाते हैं।
आजमगढ़ से शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। शिवपाल लगातार आजमगढ़ व जौनपुर को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। मुलायम सिंह के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट का उपचुनाव जीतने वाली डिंपल यादव फिर इसी सीट से चुनाव लड़ेंगी।