'इंडिया' को ताकत देने के लिए मेरठ से आगाज करेंगे अखिलेश यादव, गांवों की पगडंडियों पर निकलेंगे पूर्व सीएम
Meerut News In Hindi धनपुर गांव से संबंधित घटना को लेकर सपा विधायक शाहिद मंजूर ने सपा मुखिया को पूरे प्रकरण की जानकारी दी थी। हालांकि इसी बीच बेंगलुरु में गठबंधन का कार्यक्रम तय हो गया। अब राली चौहान गांव में भी हृदय विदारक घटना हो गई है तो जिला इकाई की ओर से इस गांव में आने की अपील वाला पत्र भेजा गया है।

मेरठ, जागरण संवाददाता, प्रदीप द्विवेदीl चुनावी महासमर से पहले पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव नए गठबंधन इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव एलायंस ('इंडिया') को मजबूत करने के लिए गांवों की पगडंडियों पर निकलेंगे। इसका आगाज मेरठ से करेंगे। वो मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे में हादसे में मारे गए छह लोग और राली चौहान गांव में बिजली के करंट से जान गंवाने वाले छह लोगों के स्वजन से 20 जुलाई को मिलेंगे। बाद में पश्चिम उप्र के दिग्गजों के साथ बैठक कर चुनावी सभाओं की रणनीति बनाएंगे, जिसे प्रदेशभर में लागू किया जा सकता है।
दरक रहा है वोट बैंक
आगामी 2024 में लोकसभा चुनाव को लेकर पारा चढ़ने लगा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी ने 2017, 2019 एवं 2022 का चुनाव लड़ा, लेकिन ओबीसी वोटों के एकमुश्त भाजपा में चले जाने से सपा कमजोर पड़ गई। पूर्व सहयोगी ओमप्रकाश राजभर समेत कई नेताओं ने आरोप लगाया था कि अखिलेश एसी में बैठकर राजनीति करते हैं इसीलिए वोटबैंक दरक रहा। पश्चिम यूपी में साइकिल की गति काफी धीमी पड़ गई, जिसे नई रफ्तार देने के लिए अखिलेश मेरठ आएंगे।
दर्द में पीड़ित ओबीसी परिवार
राली चौहान गांव में सैनी समाज के एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है तो वहीं धनपुर में यादव समाज के एक परिवार के पांच लोगों की मौत हुई है। दोनों प्रकरण प्रशासन व पुलिस की अव्यवस्था से जुड़े हैं। अखिलेश यादव गांवों के भावनात्मक वातावरण को भांपते हुए प्रदेश सरकार को घेरेंगे। साथ ही पिछड़ों की नींव पर खड़ी सपा के कील काटों को फिर से दुरुस्त करने पर फोकस होगा। अब तक सिर्फ वैवाहिक कार्यक्रमों या चुनाव प्रचार में मेरठ आए हैं लेकिन गांवों में पहली बार बैठेंगे।
पीड़ित परिवार के साथ खड़े होना जरूरी
सपा नेताओं का कहना है कि जिन परिवारों ने अपने स्वजन को खोया है उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन व्यवस्था सुधर जाए तो भविष्य के हादसों पर नियंत्रण अवश्य लग सकेगा। इन्हीं अव्यवस्था पर सरकार को सचेत करने व पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने अखिलेश यादव आ सकते हैं। शाहिद मंजूर का कहना है कि पीड़ितों की आवाज उठाना व पीड़ा में साथ खड़े होना जरूरी है। इसे चुनाव, किसी तरह की राजनीति या अवसर से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
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