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    Smog attack : उत्तर प्रदेश के सात शहरों की हवा बहुत ज्यादा जहरीली

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Fri, 10 Nov 2017 08:14 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सात शहरों की हवा बहुत जहरीली है। नोएडा, लखनऊ, मुरादाबाद, आगरा और कानपुर की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 400 से ऊपर है।

    Smog attack : उत्तर प्रदेश के सात शहरों की हवा बहुत ज्यादा जहरीली

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के सात शहरों की हवा बहुत जहरीली है। नोएडा, लखनऊ, मुरादाबाद, आगरा और कानपुर सबसे खतरनाक हो गए हैं। वहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 400 से ऊपर है। गाजियाबाद व वाराणसी में भी एक्यूआइ वेरी पुअर है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद वायु प्रदूषण कम करने के उपाय अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने इन शहरों की 24 घंटे निगरानी शुरू कर दी है। कृषि अपशिष्ट जलाने पर यूपी भर में रोक है। एनसीआर क्षेत्र के 105 हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर बंद कर दिए गए हैं। वाहनों के प्रदूषण की जांच बढ़ा दी गई है। 

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    उपायों में जुटे सभी विभाग और अफसर

    विशेषज्ञ इस हवा का मुख्य कारण वाहनों से होने वाले प्रदूषण, उद्योग, ईंट-भट्टे व डीजल जेनरेटर सेट आदि से होने वाले प्रदूषण के साथ ही सड़कों एवं निर्माण कार्य के दौरान उडऩे वाली धूल व कूड़े का जलाया जाना मान रहे हैं। सरकार ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन, औद्योगिक विकास, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग व आवास एवं शहरी नियोजन विभाग आदि को जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

    प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण रेणुका कुमार ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश तत्काल पालन कराने के लिए संबंधित विभागों को भेज दिया गया है। एनसीआर क्षेत्र के साथ ही लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी व आगरा में विशेष नजर रखी जा रही है। सभी अफसरों को जरूरी उपाय करने के लिए कहा गया है।

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    प्रमुख शहरों की स्थिति 

    शहर         एक्यूआइ इंडेक्स 

    • लखनऊ       465
    • नोएडा         494
    • कानपुर        445
    • मुरादाबाद     427 
    • आगरा        449
    • गाजियाबाद   372 
    • वाराणसी     334 

    एनसीआर क्षेत्र के लिए निर्देश 

    • सभी निर्माण कार्यों को रोका जाए, लेकिन श्रमिकों को भुगतान दिया जाए।
    • सभी हॉट मिक्स प्लांट बंद किए जाएं।
    • वायु प्रदूषण करने वाले उद्योग बंद किए जाएं।
    • भवन निर्माण सामग्री का परिवहन रोका जाए।
    • खनन एवं उत्खनन जिसमें सड़क संबंधी कार्यों को भी रोका जाए।
    • जल छिड़काव नियमित रूप से किया जाए।
    • पीएम 10 की मात्रा 600 माइक्रो प्रति घन मीटर से अधिक होने पर फायर ब्रिगेड से छिड़काव किया जाए।
    • जल छिड़काव के बाद ही सड़कों की नियमित सफाई की जाए।
    • भवन निर्माण सामग्री खुले में पाई जाए तो तत्काल लगाया जाए जुर्माना।
    • 10 वर्ष पुराने डीजल व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त किया जाए।

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    सरकार 14 को फिर करेगी समीक्षा

    प्रदेश सरकार एनजीटी के आदेशों का सूबे में कितना पालन हुआ इसकी समीक्षा 14 नवंबर को करेगी। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ ही संबंधित विभाग के अफसरों को एनजीटी के आदेशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।