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    Jeeva Murder: 'जीवा को मारने आया था, उसे मार दिया', कुख्‍यात संजीव माहेश्वरी की हत्‍या के बाद बोला शूटर व‍िजय

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Thu, 08 Jun 2023 08:40 AM (IST)

    Gangster Sanjeev Jeeva कुख्‍यात संजीव माहेश्वरी जीवा की कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। एसआईटी में एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल आईपीएस नीलाब्जा चौधरी और अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार हैं।

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    Gangster Sanjeev Jeeva: कोर्ट रूम में कुख्‍यात संजीव जीवा को गोली मरने वाला व‍िजय यादव

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस अभिरक्षा में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा जैसे ही कोर्ट परिसर पहुंचा वहां मौजूद हमलावर ने उसे टारगेट करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इससे वहां भगदड़ मच गई। जीवा कोर्ट में जमीन पर गिर गया। इस दौरान वहां मौजूद अधिवक्ताओं ने हमलावर विजय यादव को पकड़ लिया, इसके बाद उसकी जमकर पिटाई की, फिर हत्या की वजह पूछी तो वह सिर्फ इतना बोला कि जीवा को मारने आया था, उसे मार दिया।

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    बिना बुलेट प्रुफ जैकेट के कैसे पहुंचा जीवा?

    कुख्यात अपराधी जीवा की सुरक्षा में जगह-जगह पुलिस ने चूक की। जेल प्रशासन के मुताबिक जब 10 पुलिस कर्मी उसे पेशी पर लेकर रवाना हुए तो कोर्ट रूम में जाने के दौरान चार क्यों थे? इसके अलावा जीवा हर बार पेशी पर बुलेट प्रुफ जैकेट में आता था। बुधवार को वह बिना बुलेट प्रूफ जैकेट पहने पेशी पर क्यों गया? इस संबंध में जेल प्रशासन का कहना है कि जीवा को वह पेशी पर जाने के दौरान कारागार के गेट पर पुलिस कर्मियों के सिपुर्द कर देते थे। इसके बाद उसे वह बुलेट प्रुफ जैकेट पहनाते थे अथवा नहीं इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। वहीं, कोर्ट रूम में मौजूद अधिवक्ता ने बताया कि जीवा घटना के समय बुलेट प्रुफ जैकेट नहीं पहने था। इसके अलावा उसके हाथ में हथकड़ी भी लगी थी। जबकि पहले हथकड़ी नहीं लगी होती थी।

    जीवा हत्याकांड में पहले भी दहल चुका है न्यायालय परिसर, जिम्मेदारों ने नहीं ली सीख

    • 13 फरवरी 2017 : लखनऊ बार के संयुक्त सचिव संजीव लोधी पर बम से हमला हुआ था।
    • वर्ष 2012: सिविल कोर्ट परिसर में सीढ़ियों के नीचे कूड़े के ढ़ेर में विस्फोट हुआ था।
    • 15 मार्च 2008: सिविल कोर्ट में दूसरे तल पर बाथरूम के अंदर सुतली बम के ताबड़तोड़ धमाके हुए।
    • 23 नवम्बर 2007: लखनऊ कोर्ट के साथ बनारस और अयोध्या कोर्ट में बम धमाके हुए थे।
    • 27 फरवरी 2007: पोटा के मामले में पेशी पर आए आतंकी सईद और मकसूद ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए पुलिस अभिरक्षा से भागे थे।

    ससुर के मुकदमे की पैरोकारी करने आई महिला व बच्ची हुई घायल

    बीकेटी निवासी नीलम ने बताया, मैं अपनी बच्ची के साथ ससुर के केस की पैरोकारी के लिए आई थी। बच्ची सो गई थी इसलिए उसे जमीन पर लिटा दिया था। तभी अचानक फायरिंग हुई। मैंने बच्ची को गोद में उठाया और बाहर की ओर भागी। थोड़ी देर में देखा तो उसके शरीर से खून निकल रहा था। फिर पता चला कि उसे गोली लगी है। भगदड़ के दौरान मेरे हाथ में भी चोट लगी है।

    अतीक-अशरफ वाली स्टाइल में ही संजीव जीवा को पुलिस अभिरक्षा में उड़ाया

    अतीक-अशरफ की हत्या की तरह कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की लखनऊ कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस बार सड़क की जगह कोर्ट परिसर में ही घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई है। अतीक हत्याकांड की तरह यहां भी हमलावर को पकड़ लिया गया है। अतीक की हत्या के लिए हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे, यहां वकील के भेष में हमलावर पहुंचे थे। वरिष्ठ अधिवक्ता अवनीश अवस्थी का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। कचहरी परिसर में हुई इस गोलीकांड से लोगों में भय व्याप्त है। कचहरी परिसर की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।