दूध-पनीर के बाद… आलू में भी हो रही मिलावट, एफएसडीए की जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) की जांच में पता चला है कि मुनाफाखोर पुराने आलू को नया दिखाने के लिए खतरनाक रसायनों का प्रयोग कर रहे हैं। छापेमारी में 737 प्रतिष्ठानों की जांच की गई जिसमें बड़ी मात्रा में मिलावटी आलू जब्त किया गया। आयुक्त ने जिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुनाफाखोरों ने अब आलू पर भी खतरनाक रसायनों का प्रयोग शुरू कर दिया है। खतरनाक रसायनों, रंग व मिट्टी के प्रयोग से पुराने आलू को नया आलू बनाकर बाजारों में बेचा जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की आयुक्त डाॅ. रोशन जैकब ने बताया है कि विभिन्न जिलों से मिली सूचनाओं तथा जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि पुराने आलू को नया आलू बनाकर बेचा जा रहा है।
आलू नया दिखे इसके लिए हानिकारक रसायन, अम्ल/लाल रंग, मिट्टी आदि का प्रयोग मुनाफाखोरी करने वाले लोग कर रहे हैं। इस मिलावट से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका है। आयुक्त के मुताबिक 28 सितंबर प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर छापेमारी की गई थी।
आयुक्त ने बताया है कि अभियान के दौरान 737 निरीक्षण के दौरान 72 छापे मारे गए और 35 नमूनों लिए गए हैं। मानव उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं पाए जाने पर 754.59 क्विंटल लगभग 8.49 लाख रुपये मूल्य नष्ट कराये गए।
उन्होंने बताया है कि कानपुर नगर में आलू के दो नमूने, बाराबंकी में दो, लखनऊ में एक, गाजीपुर में एक, गोरखपुर में दो तथा संभल में दो नमूने लिए गए हैं। इन जिलों में बड़ी मात्रा में आलू जब्त भी किए गए हैं।
आयुक्त ने कहा है कि आलू में खतरनाक रसायनों की मिलावट करने वाले के खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
वहीं आयुक्त की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को पुराने आलू को कृत्रिम ढंग से नया आलू बनाकर बिक्री किए जाने के संबंध में पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि जिलों में स्थित आलू भंडारण केंद्र, कोल्ड स्टोरेज तथा आलू मंडी का निरीक्षण के साथ ही प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही किए जाएं।
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