लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास 71 भेड़ों की मौत, 78 को बचाया गया; फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया बिसरा
हरदोई रोड स्थित प्रेरणा स्थल के बगल में घैला गांव में संदिग्ध परिस्थितियों में 71 भेड़ों की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न हो ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, लखनऊ। हरदोई रोड स्थित प्रेरणा स्थल के बगल में घैला गांव में संदिग्ध परिस्थितियों में 71 भेड़ों की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने से बिसरा को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। भेड़ पालक का कहना है कि रविवार सुबह वह भेड़ों को लेकर फतेहपुर से लेकर लखनऊ आए थे और बड़ा मैदान (राष्ट्र प्रेरणा स्थल) को देकर रुक गए, जहां बहुत सारा खाना पड़ा था।
भेड़ चरने चली गईं और वहां पड़े भोजन को खा रही थीं। शाम बाद वह भेड़ों को लेकर पास में ही घैला गांव पहुुंचा था, जहां पर खाली जमीन पर डेरा बनाया था। रात होते होते अचानक भेड़ों का पेट फूलने लगा, जिससे वह मरने लगीं। सोमवार सुबह पशुपालन विभाग की टीम जांच करने पहुंची, जबकि अधिकांश भेड़े मर चुकी थीं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि 71 भेड़ों की मौत हो गई है, जबकि 78 को इलाज उपरांत बचा लिया गया है।
सभी के पेट फूल गए थे लेकिन पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। बिसरा को फारेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है। उधर, भेड़ पालक विजय पाल का कहना है कि चार सौ भेड़ें थी, जिसमें से दो सौ भेड़ों की मौत हो गई है।
पेड़ पालक का कहना था कि वह फतेहपुर के निवासी हैं और इस मौसम में लखनऊ के आसपास ही डेरा बनाकर भेड़ों के साथ रहते हैं। रविवार दोपहर को वह भेड़ों के साथ जा रहे तो बड़ा मैदान (राष्ट्र प्रेरणा स्थल) दिखा और पूड़ी देखकर सोचा कि अच्छा खाना ही होगा तो वहां भेड़ों को खाने को भेज दिया। दोपहर बाद भेड़ों को वापस ले गए लेकिन रात में वे मरने लगीं। चार सौ भेड़ थी, जिसमें दो सौ मर गईं और इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है।
बासी भोजन बन सकता है कारण
राष्ट्र प्रेरणा स्थल में पचीस दिसंबर को लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने वाले हर किसी को भोजन के पैकेट दिए गए थे। कुछ ने खाया तो कुछ ने आधा अधूरा ही फेंक दिया था। पार्किंग स्थल पर ही यह भोजन फेंका गया था लेकिन एलडीए की तरफ से सफाई न कराए जाने से भोजन सड़ रहा था और उसका सेवन करने से भी भेड़ों की मौत का कारण माना जा रहा है।

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