म्यांमार से रेस्क्यू किए 21 युवक पहुंचे लखनऊ, MBA और B.Tech पास नौकरी करने गए; फंसे साइबर अपराधियों के जाल में
UP News विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से म्यांमार से 38 उत्तर प्रदेश के युवकों को मुक्त कराया गया। साइबर अपराधियों के गिरोह ने उन्हें बंधक बना लिया था। युवकों को दिल्ली से लखनऊ लाया गया जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। केंद्र सरकार ने म्यांमार से 540 युवकों को मुक्त कराया है। उत्तर प्रदेश के 38 युवक शामिल थे उनमें 17 युवक मेरठ और 21 लखनऊ के थे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। म्यांमार के साइबर अपराधियों के गिरोह का शिकार यूपी के 21 युवक मंगलवार रात लखनऊ पहुंचे। बंधक बने युवकों को विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप पर छुड़ाया जा सका। सभी 21 युवक लखनऊ, कुशीनगर, वाराणसी, अंबेडकर नगर, गोंडा आदि जिलों के हैं।
देर रात दिल्ली से साहिबाबाद डिपो की बस से लखनऊ लाया गया और पुलिस लाइन में साइबर क्राइम सेल व एलआइयू की टीम देर रात तक पूछताछ किया। वहीं, बंधक बनाए गए गाजियाबाद के 17 युवकों से पूछताछ की जा रही है।
केंद्र सरकार ने म्यांमार में बंधक बनाए गए 540 युवकों को मुक्त कराया है। उन्हें वायुसेना के सी-17 विमान से सोमवार व मंगलवार को दिल्ली लाया गया। उनमें उत्तर प्रदेश के 38 युवक शामिल थे, उनमें 17 युवक मेरठ और 21 लखनऊ के थे।
दिल्ली से यूपी आ रहे 17 युवकों को साहिबाबाद डिपो की विशेष बस से मेरठ पहुंचाया गया। लखनऊ आसपास के 21 युवकों को लेकर टीम चारबाग पहुंची। वहां से एलआइयू और साइबर क्राइम सेल की टीम रिजर्व पुलिस लाइन लेकर गई। देर रात तक सभी से पूछताछ की जा रही थी।
साहिबाबाद डिपो की बस से लखनऊ लाया गया।
बंधक बनए युवकों को भारतीय वायुसेना का विमान लेकर आया
बंधक बनाए गए युवकों को म्यांमार से पहले थाईलैंड के माई सोत एयरपोर्ट लाया गया था। वहां से फिर भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे, पहले चरण के आपरेशन में सोमवार देर रात को 266 पुरुष और 17 महिलाओं को लाया गया था। दूसरे चरण के आपरेशन में मंगलवार को 257 युवकों को दिल्ली लाया गया। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी विदेश मंत्रालय से इस मसले पर लंबे समय से संपर्क में थे। संबंधित जिलों की पुलिस को युवक सौंपे जाएंगे। अब पुलिस इन पर यहां भी नजर रखेगी।
नौकरी के लिए पहुंचे थे म्यांमार
पुलिस के मुताबिक नौकरी के लिए एमबीए व बीटेक उत्तीर्ण युवक म्यांमार पहुंचे थे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन इंजीनियरों को डिजिटल सेल्स और मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव की नौकरी देने के लिए लालच दिया गया था, ये नौकरी फर्जी साबित हुई और इन्हें अवैध रूप से सीमा पार कराकर म्यांमार ले जाया गया था। विदेश मंत्रालय म्यांमार सहित दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में फर्जी तरीके से नौकरी देने के रैकेट में फंसे लोगों की वापसी के लिए लगातार कार्रवाई कर रहा है।
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डंकी मूवी देखकर जाल में फंसे
म्यांमार जाने वाले युवकों ने अक्षय कुमार की डंकी मूवी देखी, सभी अधिक धन कमाने को लालायित थे, एजेंटों ने उन्हें विश्वास दिलाया तो म्यांमार की राह पकड़ ली, उन्हें 70 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से दिलाने का वादा किया गया, वहां एक ही बिल्डिंग में रहते थे। अमेरिका के लोगों को चैटिंग करके फंसाते रहे। काल सेंटरनुमा घर में स्क्रिप्ट के अनुसार बातचीत करते रहे। सभी घर पर पैसे भी भेजते थे।
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