यूपी के 15 लाख परिवारों को मिलेगा 201 सरकारी योजनाओं का लाभ, हर गांव से तैयार होगी लिस्ट
पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में 15 लाख अति गरीब परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार की 201 योजनाओं का लाभ देकर गरीबी रेखा से ऊपर लाने का लक्ष्य है। इसके लिए हर गांव से 25-25 अति गरीब परिवारों को चिह्नित किया जाएगा। यह अभियान अगले वर्ष 2 अक्टूबर तक पूरा होगा ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि प्रदेश के अति गरीबों को केंद्र व राज्य सरकार की 201 योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 15 लाख अति गरीब परिवारों को चिह्नित किए जाने के लिए सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू कराई जा चुकी है। अगले वर्ष अक्टूबर तक हर गांव के 25-25 अति गरीबों को चिह्नित करके उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर लाया जाएगा।
उन्होंने शनिवार को गौतम पल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि सरकार ने अगले वर्ष दो अक्टूबर तक गरीबों को गरीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार की तरफ से अभियान चलाकर गरीबों को चिह्नित किया जा रहा है। अभियान के तहत हर ग्राम सभा में निर्धन परिवारों की सूची तैयार की जा रही है। इन्हीं में से हर गांव से 25-25 परिवारों को छांटा जाएगा।
किन्हें मिलेगी प्राथमिकता?
पहले चरण में उन परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें अब तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। चिह्नित परिवारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड की भी मदद ली जाएगी। योजना के तहत परिवारों के चयन में आवासहीन, कच्चे मकान, भूमिहीन और दिहाड़ी मजदूरी से गुजारा करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण समाप्त होने के बाद सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। सत्यापन होने के बाद इन परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का काम शुरू होगा। पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि सत्यापन के लिए समितियों का भी गठन किया गया है। समिति में ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, विद्यालय के हेड मास्टर, दो स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष, आशा और आंगनबाड़ी वर्कर शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- प्राथमिकता उन परिवारों को मिलेगी जिन्हें अभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला।
- चयन में आवासहीन, कच्चे मकान, भूमिहीन और दिहाड़ी मजदूरों को प्राथमिकता।
- सत्यापन के लिए ग्राम प्रधान, हेड मास्टर, आशा वर्कर सहित समितियों का गठन।
- कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड का भी इस्तेमाल होगा।
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