संभल में कब्र को देखकर ASI अधिकारियों के उड़े होश, दूसरे दिन सर्वे में क्या-क्या मिला? कल्कि मंदिर भी पहुंची थी टीम
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने संभल में दूसरे दिन भी ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों का गहन सर्वेक्षण जारी रखा। टीम ने प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर कृष्ण कूप ताेता मैना की कब्र और चोर कुएं जैसे स्थलों का निरीक्षण किया। वीडियोग्राफी संरचनाओं का अध्ययन और पत्थरों के नमूने लेकर इनकी ऐतिहासिक महत्ता और निर्माण काल की जांच की जा रही है।

संवाद सहयोगी, संभल। एएसआई ने शहर के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों के सर्वे का काम दूसरे दिन भी जारी रखा। टीम ने मुहल्ला कोटपूर्वी स्थित प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर का निरीक्षण किया। मंदिर के गर्भगृह में स्थित श्री कल्कि भगवान की प्रतिमा की वीडियोग्राफी की। साथ ही मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुएं का भी सर्वे किया। इसके बाद टीम कमलपुर सराय स्थित ताेता मैना की कब्र पर पहुंची। वहां कब्र की वीडियोग्राफी की। इसी के पास बने चोर कुएं की इमारत का भी निरीक्षण किया। इमारत में लगे पत्थरों को खरोंचकर उसका नमूना लिया।
संभल, जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, इन दिनों भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेष ध्यान का केंद्र बना हुआ है। शनिवार को भी एएसआई की टीम ने शहर के प्राचीन धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण जारी रखा। सुबह साढ़े दस बजे के करीब एएसआई की टीम मुहल्ला कोटपूर्वी में स्थित प्राचीन श्री कल्कि विष्णु मंदिर में पहुंची।
प्रतिमा की विस्तार से की वीडियोग्राफी
मंदिर का गर्भगृह, जहां भगवान श्री कल्कि की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। गर्भगृह के साथ ही श्री कल्कि भगवान की प्रतिमा की विस्तार से वीडियोग्राफी की। साथ ही प्रतिमा के शिल्प और संरचना का गहन निरीक्षण किया। मंदिर परिसर में पूर्व दिशा की ओर स्थित एक प्राचीन कुएं का भी सर्वे किया गया। कुंए के चारों ओर बड़ी बड़ी घास फूस जमी थी। पालिका कर्मियों की मदद से उसे साफ कराया गया। टीम ने कुएं की संरचना, गहराई और इसकी ऐतिहासिक महत्ता की जांच की गई।
कृष्ण कूप
बताते हैं कि इस कुएं को कृष्ण कूप के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, मंदिर में रखे पुराने नक्शे और दस्तावेजों को भी देखा गया। मालूम हो कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार 300 वर्ष पहले इंदौर स्टेट की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। यह देश में पहला कल्कि मंदिर है। देश विदेश से श्रद्धालु यहां भगवान कल्कि के दर्शन करने पहुंचते हैं। भगवान श्री कल्कि का दसवां अवतार भी संभल में ही होगा। इसी क्रम में एएसआई की टीम ने पहले यहां दर्शन किए और बाद में अपना सर्वे शुरू किया।
खग्गू सराय क्षेत्र में प्राचीन मंदिर और कुएं का निरीक्षण
एसआई की टीम ने शुक्रवार को भी खग्गू सराय क्षेत्र में प्राचीन मंदिर और कुएं का निरीक्षण किया था। इसके बाद पांच तीर्थ स्थलों और पौराणिक समय के 19 प्राचीन कूपों का सर्वे पूरा किया था। इस दौरान कई स्थानों से मिट्टी और पत्थरों के नमूने भी एकत्रित किए गए थे। दोपहर बाद एसडीएम वंदना मिश्रा के साथ टीम कमलपुर सराय स्थित ताेता मैना की कब्र स्थल पर पहुंची। वहां भी देखरेख के अभाव में बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी थीं।
टीम ने कब्र के चारों ओर वीडियो ग्राफी की। एएसआई अधिकारी लाल पत्थर से बनी कब्र पर अजीब भाषा में गुदे शब्दों को देखकर हैरान रह गए। जिन्हें आज तक कोई नहीं पढ़ सका है। टीम ने उसकी भी वीडियो ग्राफी कराई। इसके अलावा वहां से कुछ नमूने भी एकत्र किए। ताेता मैना की कब्र के नजदीक ही बनी बावड़ी में पहुंची। जिसे चोर कुआं भी कहा जाता है।
पहले जमीन के अंदर कई मंजिल हुआ करता था, लेकिन दो से तीन मंजिल ही समिट कर रह गया है। जो खंडहर में भी तब्दील हो रहा है। टीम ने बावड़ी के अंदर पहुंचकर एक-एक कमरे और उसकी संरचनाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। साथ ही पत्थरों से बनी दीवार को खरोंचकर नमूना एकत्र किया। जिले जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि इनकी संरचना और निर्माण काल का अध्ययन किया जा सके।
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