Updated: Sun, 07 Jul 2024 08:48 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में सरोजनीनगर इलाके के मकदूमपुर कैथी गांव में करीब 140 बीघे शत्रु संपत्ति बेच दी गई। इन संपत्तियों पर आज निजी कॉलेज समेत कई घर बन चुके हैं। अब इस मामले में गृह मंत्रालय काफी सक्रिय हो गया है। एक टीम जांच के लिए लखनऊ पहुंची है। टीम पता लगाएगी आखिर कैसे शत्रु संपत्तियां बेची गईं और कहां पर चूक हुई।
जागरण संवादताता, लखनऊ। सरोजनीनगर के मकदूमपुर कैथी गांव में करीब 140 बीघे शत्रु संपत्ति बेचने के मामले में गृह मंत्रालय सक्रिय हो गया है। शनिवार को मंत्रालय की एक टीम लखनऊ पहुंची। अफसरों ने संपत्तियों को देखा और तहसील के अफसरों के साथ बैठक की। टीम इस बात का पता लगा रही है कि आखिर कैसे शत्रु संपत्तियां बेची गईं और कहां पर चूक हुई।
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गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक रमेश नागरे के अलावा उपसचिव राजेंद्र कुमार और मुख्य पर्यवेक्षक अरबिंदम कुमार ने सरोजनीनगर तहसील की एसडीएम फाल्गुनी सिंह से मकदूमपुर कैथी में शत्रु संपत्तियों के बारे में जानकारी की।
बोर्ड लगाकर शत्रु संपत्ति का किया जाएगा सीमांकन
शत्रु अभिकरण कार्यालय के मुख्य पर्यवेक्षक यशपाल सिंह ने बताया कि मकदूमपुर में जहां पर जो जमीनें बेची गईं वहां काफी पहले ही शत्रु संपत्तियां घोषित कर दी गई थीं। इसकी कई लोगों को रजिस्ट्रियां की गई हैं। कई मामले कोर्ट में भी लंबित हैं। तहसील प्रशासन के अफसरों के साथ आज बैठक हुई है। जहां-जहां अभी कब्जे नहीं हुए हैं वहां पर बोर्ड लगाकर उनका सीमांकन किया जाएगा ताकि आगे कोई कब्जा नहीं करे। जिन संपत्तियों पर विवाद नहीं है उनको नीलाम किया जाएगा।
दरअसल गृह मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले देश भर की उन शत्रु संपत्तियों को बेचने का आदेश दिया था, जो निर्विवादित हैं और उनका उपयोग कृषि कार्य के लिए हो रहा है या फिर भूखंड के रूप में मौजूद हैं। दरअसल शत्रु संपत्तियों से जहां सरकार को बड़ी संख्या में राजस्व प्राप्त हो रहा है वहीं गैर उपयोगी जमीनों को अवैध कब्जों से भी बचाया जा रहा है।
लखनऊ की भी कई संपत्तियां नीलामी के लिए चिह्नित की जा चुकी हैं और कई का सर्वे चल रहा है। सर्वे के दौरान ही सरोजनीनगर की जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया था। इसके अलावा जुग्गौर में भी कई शत्रु संपत्तियों पर कब्जे हैं।
यह हैं प्रमुख व्यवसायिक और आवासीय संपत्तियां
हजरतगंज में महमूदाबाद मेंशन स्थित शोरूम और आवास, बटलर पैलेस, हलवासिया मार्केट, मलका जमनिया इमामबाड़ा, लारी बिल्डिंग में मौजूद दुकानें, जनपथ बाजार की दुकानें, क्ले स्क्वायर स्थित हैदरी बेगम हवेली, अमीनाबाद स्थित वारसी बिल्डिंग, अस्तबल चारबाग में सिद्दीकी बिल्डिंग, मौलवीगंज स्थित लाल कोठी, गोलागंज और बुलंदबाग में आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियां, कैसरबाग हाता, गोलागंज स्थित लाल कोठी, चौक में कनीज सइदा बेगम पुरानी बाड़ी खाना कोठी, अब्दुल लतीफ खां का हाता, अब्दुल खलीम की नौबस्ता स्थित पुरानी इमारत और तिलक मार्ग पर करीब साठ बीघे नजूल की जमीन।
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