Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    शिक्षा व संस्कारों से खत्म होगा आतंकवाद : राजनाथ

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 19 Jan 2015 02:35 PM (IST)

    देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का मानना है कि विश्व भर में आतंकवाद हमारे संस्कारों तथा शिक्षा से ही समाप्त हो सकता है। उनको भरोसा है कि जिस दिन आतंकवा ...और पढ़ें

    Hero Image

    लखनऊ। देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह का मानना है कि विश्व भर में आतंकवाद हमारे संस्कारों तथा शिक्षा से ही समाप्त हो सकता है। उनको भरोसा है कि जिस दिन आतंकवाद पर संस्कार तथा शिक्षा हावी होंगे, उसी दिन यह खत्म हो जाएगा। राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में आज लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति तथा राज्यपाल राम नाईक थे। दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ को मानद उपाधि प्रदान की गई।

    राजनाथ सिंह ने कहा कि सकारात्मक बनकर बड़े मन से काम करें। हर काम में सफलता मिलेगी। इसी को उन्होंने देश तथा विश्व में फैले आतंकवाद से जोड़ा। राजनाथ सिंह ने कहा कि हर जगह पर आतंकवाद सिर्फ शिक्षा तथा संस्कारों से ही खत्म होगा। सभी को इसके प्रति बिल्कुल ही नकारात्मक होना पड़ेगा। इसकी बुराइयों से युवाओं को अवगत कराना होगा। यह सब शिक्षा तथा संस्कार से ही संभव है। उन्होंने इस अवसर पर एक शिक्षक बनकर छात्र-छात्राओं से सर्किल के फॉर्मूले के आधार पर अपनी सभी क्षमताओं को विकसित करने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को करने के लिए मन बड़ा होना चाहिए। छोटे मन से कोई भी बड़ा काम नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमेशा सकारात्मक काम करने से अतिरिक्त ऊर्जा आती है। मिलकर काम करने से सकारात्मक परिणाम आता है। उन्होंने सभी उदाहरण गणित के सूत्रों से इसको प्रूफ भी किया। गृहमंत्री ने कहा कि इससे पहले पहले भी लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में आया था। इस बार काफी बदलाव दिख रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा दावा है कि अमेरिका की लैब से ज्यादा काबिल हमारे देश के पंडितों का पंचांग है। यह ज्यादा सटीक भी रहता है।

    समारोह की अध्यक्षता कर रहे सूबे के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि मेरा सपना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय विश्व के श्रेष्ठ सौ विश्वविद्यालय में शामिल हो। उन्होंने कहा कि करीब सात वर्ष बाद यह विश्वविद्यालय सौ वर्ष का हो जाएगा। तब तक यह काम हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हो सकता है तब मैं रहूं या ना रहूं, हो सकता है कि यह वीसी रहें या ना रहें लेकिन मेरी आत्मा को बहुत खुशी होगी। उन्होंने कहा कि अफसोस होता है जब हमारे प्रदेश के किसी विश्वविद्यालय का नाम विश्व की श्रेष्ठ उच्च शिक्षा संस्थान में नहीं आता है। आज दीक्षांत समारोह में 190 छात्र-छात्राओं को गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा राज्यपाल राम नाईक ने पदक प्रदान किया। सर्वाधित 12 पदक स्वाति सिंह को मिले।

    गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय एलयू अपनी स्थापना के 93वें साल पूरे कर चुका है। दीक्षांत समारोह में 1921 में स्थापित इस विश्वविद्यालय का इतिहास रखा गया। इस बार दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय से संबद्ध 144 कॉलेजों की उपस्थिति का भी अहसास हुआ।