बाघ ने 11 साल की बच्ची को मार डाला, शव को छुड़ाने के लिए टाइगर से भिड़ गए पिता और दादी
खेती किसानी के लिए डर की वजह से श्रमिकों का अभाव हो चुका है। वन महकमा ग्रामीणों के बीच सिर्फ सामंजस्य बिठाने पर काम कर रहा है। मानव बाघ संघर्ष का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। रेंजर संजीव कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर एहतियातन गोला और महेशपुर का स्टाफ निगरानी कर रहा है। सोमवार सुबह पिंजड़ा लगाया जाएगा।

संवादसूत्र, जागरण . ममरी (लखीमपुर) : गोला वन रेंज में गन्ने के खेत में छिपे बाघ ने हमला कर 11 वर्षीय लड़की को मार डाला। मृतका के शव को छीनने के लिए उसकी दादी और पिता बाघ से भिड़ गए। तब कहीं जाकर उसके मुंह से शव छुड़ाकर ला पाए। रविवार की शाम गोला की पश्चिमी बीट के ग्राम वलारपुर निवासी हरिकेश गांव के पास ही स्थित खेत में चारा काटने के लिए गया था। तभी पीछे से उसकी पुत्री जानकी देवी अपनी दादी के साथ में खेत को गई थी।
पीछे से हमला कर मार डाला
इस दौरान बाघ ने पीछे से हमला कर जानकी को मार डाला। मौत की सूचना पर परिवारजन में कोहराम मच गया।गुस्साए ग्रामीणों की भीड़ मौके पर एकत्र हो गई। तराई के खीरी जिले में उत्तर से लेकर दक्षिण तक बाघों की संख्या निरंतर बढ़ने से स्थित दिनों दिन बेहद संवेदनशील हो रही है। आए दिन बाघ के हमले से मौतें एवं घायल होने की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं। ग्रामीणों का जीवन संकट में है।
खेती किसानी के लिए डर की वजह से श्रमिकों का अभाव हो चुका है। वन महकमा ग्रामीणों के बीच सिर्फ सामंजस्य बिठाने पर काम कर रहा है। मानव बाघ संघर्ष का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। रेंजर संजीव कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर एहतियातन गोला और महेशपुर का स्टाफ निगरानी कर रहा है। सोमवार सुबह पिंजड़ा लगाया जाएगा।
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