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    भव्य कॉरिडोर का स्वरूप लेने लगी छोटी काशी, 69.14 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 05:15 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी में छोटी काशी को भव्य कॉरिडोर का स्वरूप दिया जा रहा है। 69.14 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य चल रहा है। यह परियोजना क्षेत्र के विका ...और पढ़ें

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    भव्य कॉरिडोर का स्वरूप लेने लगी छोटी काशी।

    संवाद सूत्र, गोला गोकर्णनाथ (लखीमपुर)। छोटी काशी गोला में कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है। भले ही इसकी गति बेहद धीमी हो, लेकिन शिव नगरी गोला गोकर्णनाथ भव्य कॉरिडोर का स्वरूप लेने लिए निरंतर आगे बढ़ रही है। हालांकि छोटी काशी में 69.14 करोड़ से कॉरिडाेर का निर्माण हो रहा है।

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    जनवरी-25 से शुरू हुए निर्माण से अब तक मात्र 18 करोड रुपये का बजट कार्यदायी संस्था को प्राप्त हो चुका है, जिससे तीर्थ परिसर में पाथ बे का निर्माण, यात्री प्रतीक्षालय, यात्री सुविधा गृह, रिटेनिंग और बाउंड्री वाल के साथ परिक्रमा मार्ग का निर्माण हो जा रहा है।

    निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने निरीक्षण का नाराजगी व्यक्त की थी, जिसके बाद एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह, बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, एसडीएम गोला प्रतीक्षा त्रिपाठी सहित चार सदस्यीय टीम गठित कर आख्या तलब की थी।

    इस पर एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में जांच टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया और इस दौरान कार्य की भौतिक प्रगति अत्यंत धीमी और श्रमिकों की संख्या भी कम मिलना पाया गया था। जबकि कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने 15 मार्च 2026 तक काम पूरा करने का अनुबंध रखा है।

    हालांकि ठेकेदार निर्माण कार्य अगस्त 2026 तक पूरा करने का दावा कर रहे हैं,जो अनुबंध शर्तों के अनुरूप नहीं है। इसको लेकर ठेकेदारों पर लिक्विडेटेड डैमेज को लेकर मेसर्स रीना सिंह के विरुद्ध 1.81 करोड रुपये, नारायण एसोसिएट्स के विरुद्ध 1.73 करोड रुपये और 1.71 करोड रुपये सहित करीब पांच करोड रुपया जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है।

    यहां होना है यह काम

    • तीर्थ सरोवर के दक्षिण तीन मंजिला यात्री प्रतीक्षालय बनना है, लेकिन अभी एक मंजिल पर छत डालने की तैयारी चल रही है।
    • मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर वीआईपी मार्ग तक रिटेनिंग वाल बनना है ,लेकिन अभी अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। क्योंकि कुछ मकान का विवाद चल रहा है जिस कारण 10 मीटर रिटेनिंग वाल का काम शुरू नहीं हो पाया है।
    • मुख्य प्रवेश द्वार से तीर्थ सरोवर के दक्षिण होते हुए नीलकंठ मैदान तक बाउंड्री वाल बनना प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक तीर्थ सरोवर के पश्चिम नीलकंठ मैदान की ओर बाउंड्री वाल बनना शुरू भी नहीं हुई है।
    • परिक्रमा मार्ग 108 खंभो पर बनना है, जिसके कुछ हिस्से में ही छत पड़ पाई है। अभी 60 फ़ीसदी काम बाकी है।
    • कानपुर धर्मशाला में तीन मंजिला कैंटीन और शौचालय का निर्माण होना है, जिसमें कैंटीन के एक मंजिल का काम भी अभी पूरा नही हो पाया है वही शौचालय निर्माण का कार्य अभी शुरू भी नहीं हुआ है।
    • पौराणिक शिव मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के पास यात्री सुविधा ग्रह बनना प्रस्तावित है, जिसकी नींव खुदाई और पिलर खड़े करने का काम चल रहा है।


    यह काम अभी नहीं हुए शुरू

    • पीलीभीत धर्मशाला में पार्किंग और शौचालय बना प्रस्तावित था लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
    • कानपुर धर्मशाला में शौचालय का निर्माण अभी भी शुरू नहीं हो सका है।
    • वीआईपी मार्ग का निर्माण पर मकान मालिक को और दुकानदारों के द्वारा अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।

    यहां चल रहा काम

    मुख्य प्रवेश द्वार के साथ रिटेनिंग वाल का निर्माण और उस पर स्टील के फ्रेम के जरिए पत्थर लगाए जाने का काम चल रहा है।पौराणिक शिव मंदिर के दक्षिण यात्री प्रतीक्षालय का काम, यात्री सुविधा ग्रह, बाउंड्री वाल, परिक्रमा मार्ग पर छत डालने और स्तंभों पर पत्थर लगाए जाने का काम, वीआईपी लाज परिसर के मार्गों पर केवल स्टोन लगाए जाने का काम चल रहा हैं।

    कॉरिडोर निर्माण करा रहे अधिकारियों का कहना है कि पौराणिक शिव मंदिर की आस्था होने के कारण रोजाना सैकड़ो श्रद्धालुओं का मंदिर आना- जाना लगा रहता है। जिसको लेकर काम प्रभावित होता रहता है।

    कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल का कहना है कि जनवरी 2025 में कॉरिडोर निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसके बाद एक महीने तक निर्माण के रूपरेखा और ध्वस्तीकरण का काम चला रहा। जब रिटेनिंग वाल, बाउंड्री वाल सहित अन्य कार्य तेजी पकड़ पाए, तब तक सावन को लेकर लगभग डेढ़ महीना काम बंद रहा।

    अब तक करीब 18 करोड़ रुपये प्राप्त हुई हैं। काम गुणवत्ता के साथ तेजी से कराया जा रहा है। हमारा प्रयास रहेगा कि निर्माण कार्य समय से पूरा हो। -दिव्यजोति मिश्रा, असिस्टेंट प्रोजक्ट मैनेजर यूपीपीसीएल।