खीरी में 38 खैर के पेड़ों के कटान मामले में रेंजर को सिर्फ नोटिस, फॉरेस्टर और फॉरेस्ट गार्ड निलंबित
लखीमपुर खीरी के मझगई जंगल में खैर के पेड़ों के अवैध कटान मामले में कार्रवाई हुई है। रेंजर को नोटिस जारी किया गया है जबकि दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। दैनिक जागरण में खबर आने के बाद विभाग ने यह कदम उठाया। वन विभाग के अधिकारियों का गठजोड़ पूरे मामले की जांच को रोकने का प्रयास कर रहा है।

श्वेतांक शंकर उपाध्याय, लखीमपुर। मझगई जंगल में खैर के पेड़ों के अवैध कटान मामले में छोटे कर्मचारियों की गर्दन पर तलवार चल गई। जिन रेंजर साहब की बिना अनुमति से रेंज में एक पत्ता तक नहीं हिल सकता उसी रेंज में एक दो नहीं पूरे 38 खैर के पेंड़ चोरी छिपे माफिया ने कटवा लिए।
बीस लाख से ज्यादा के इस अवैध कटान के मामले में रेंजर अंकित कुमार को महज एक नोटिस देकर बरी कर दिया गया। जबकि खैर के पेड़ों के अवैध कटान का पूरा ठीकरा ही नौनिया वन ब्लाक के फारेस्टर चंद्र प्रकाश और फारेस्ट गार्ड प्रहलाद के सिर फोड़कर उन्हें निलंबित कर दिया गया। कार्रवाई की ये खानापूरी भी तब हुई जब दैनिक जागरण ने बफर जोन के जंगल से बेशकीमती लकड़ी के कटान पर लगातार खबरें छापीं।
अब मझगई रेंज के नौनिया वन ब्लाक में करीब बीस लाख के 38 खैर के पेड़ों के कटान की बात सामने आ चुकी है। विभाग के पास सारे साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। विभागीय कर्मियों को आशंका है कि मझगई रेंज के जंगलों में इससे भी बड़े पैमाने पर बेशकीमती पेड़ों का अवैध कटान हुआ है।
इसके बावजूद उच्चाधिकारियों ने नौनिया वन ब्लाक के बाद रेंज के अन्य जंगलों में कुंबिंग (कटान स्थल की जांच) रोंक दी है। साफ है कि कटान की जांच प्रक्रिया और जिम्मेदारों को सामने लाने की शुरू हुई कोशिश और पिछले एक सप्ताह से चल रहे इस पूरे घटनाक्रम में शासन स्तर के अधिकारियों के दखल के बावजूद माफिया और वनाधिकारियों के गठजोड़ का नेटवर्क भारी पड़ रहा है।
एक विभागीय अधिकारी का कहना है कि जब तक पूरे जंगल की कुंबिंग नहीं हो जाती, तब तक जंगल में हुए पूरे कटान को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है। ऐसे में कुंबिंग को रोक देना समझ से परे है। बताया जाता है कि माफिया और वनाधिकारियों का गठजोड़ पूरे जंगल की कुंबिंग नहीं चाहता, क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर हुए कटान की कलई खुल सकती है।
इधर, उप निदेशक नवीन खंडेलवाल का कहना है कि फारेस्टर, फारेस्ट गार्ड को निलंबित कर दिया गया है और रेंजर अंकित कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। इस मामले में इस्लाम सहित दो आरोपितों को पकड़ कर चालान किया गया है।
मुकदमें में सीतापुर के दो आरोपितों समेत 13 नामजद
खैर के पेड़ों के कटान में भारतीय वन अधिनियम की धारा के अंतर्गत 13 मजदूरों को नामजद किया गया है। इनमें शाकिर निवासी गांव पकरिया जिला सीतापुर, सचिन निवासी पंडितपुरवा हरगांव सीतापुर, महेंद्र प्रताप सिंह निवासी राजापुर सदर कोतवाली, शाहिद निवासी सालिमाबाद थाना मझगई, मो. इस्लाम निवासी सिंगाही कस्बा भिंडौरी थाना सिंगाही, नजरू निवासी हव्वापुरवा थाना मझगई, दयाशंकर निवासी कस्बा सिंगाही, इकबाल निवासी सिंगाही, मकसूद अली उर्फ गुड्डू निवासी सैयद फार्म बौधिया कलां थाना मझगई, तन्नू सिंह निवासी लखीमपुर खीरी, गंगाराम निवासी निघासन और पंकज कुमार निवासी शिव कालोनी सदर कोतवाली शामिल हैं।
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