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    भारत-नेपाल बार्डर खुलवाने की मुहिम तेज

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 26 Sep 2020 09:43 PM (IST)

    सीमावर्ती बाजार के व्यापारियों ने नेपाल के प्रधानमंत्री को लिखा पत्र। नेपाली खरीदारों के न आने से सूनी पड़ी हैं सीमा की मंडियां। ...और पढ़ें

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    भारत-नेपाल बार्डर खुलवाने की मुहिम तेज

    लखीमपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भारत-नेपाल सीमा पिछले सात महीने से सील है। इसलिए गौरीफंटा समेत सभी बार्डरों से आवागमन ठप है। भारतीयों के नेपाल में प्रवेश न होने व नेपाली नागरिकों के भारत न आने से आसपास की मंडियां सूनी पड़ी हैं। इन सब को देखते हुए पलिया व सीमा के आसपास के व्यापारियों ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को पत्र लिखकर जल्द सीमा खोलने की मांग की है। नेपाली प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में व्यापारियों ने कहा है कि भारत और नेपाल में व्यापारिक, सामाजिक एवं पारिवारिक संबंध हैं।

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    व्यापारी नेता रवि गुप्ता ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को लिखे पत्र में कहा है कि भारत और नेपाल में व्यापारिक, सामाजिक एवं पारिवारिक संबंध काफी पुराने हैं। दोनों देशों में रिश्तेदारी है, लेकिन लोग वहां जा नहीं पा रहे हैं। व्यापार भी ठप है जिससे नागरिकों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। होटल व्यवसायी विनोद जायसवाल का कहना है कि नेपाल के नागरिकों के भारत न आने से होटल व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। वहां के लोग यहां आते थे यहां रुकते थे जिससे होटल अच्छे चलते थे। शिशिर शुक्ला का कहना है कि गौरीफंटा बॉर्डर से लोग बड़े शहरों में जा रहे हैं। प्रतिदिन होता था लाखों का व्यापार

    भारत-नेपाल सीमा जब खुली थी तो प्रतिदिन लाखों का व्यापार होता था। खाद्यान के साथ दवाएं, चीनी, हार्डवेयर, सूती कपड़ा, बिजली के सामान, पेट्रोल, डीजल व पेट्रोलियम उत्पाद समेत तमाम गैर प्रतिबंधित सामान नेपाल जाता था। कस्टम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि प्रतिदिन 50 लाख तक का सामान नेपाल जाता रहा है। सीमा बंद होने से प्रभावित बाजार

    भारत-नेपाल सीमा सील होने से दोनों देशों के सीमावर्ती बाजार बेहाल हैं। ग्राहक न होने से बिक्री नाममात्र ही रह गई है। पलिया, चंदनचौकी, सूड़ा, गौरीफंटा, बनगवां, संपूर्णानगर, खजुरिया, मिर्चिया, घोला, तिकुनिया के बाजारों में वह रौनक अब नहीं रह गई है जो सीमा सील होने से पहले थी।

    क्या कहते हैं जिम्मेदार

    इस संबंध में उपजिलाधिकारी डॉ. अमरेश कुमार का कहना है कि सीमावर्ती बाजार प्रभावित हैं। बनगवां और सूड़ा तथा चंदनचौकी बाजार तो लगभग बंद ही हैं। व्यापारी परेशान हैं, लेकिन सीमा खोलने का मामला भारत व नेपाल सरकार के बीच का मामला है। इस पर यहां से कुछ नहीं किया जा सकता है।