यूपी के इस जिले में किसानों को नहीं मिल पाएगी पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त! कहां फंसा है पेंच
UP News उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले फार्मर रजिस्ट्री का कार्य युद्ध स्तर पर अभियान के तहत चल रहा है। किसानों की फार्मर रजिस्ट्री के काम में उनका नाम ही रोड़ा अटका रहा है। सभी दस्तावेज में एक जैसा नाम न होने से डाटा फीडिंग नहीं हो पा रही है। इससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

पवन जायसवाल, बिजुआ (लखीमपुर)। नवंबर 2024 से पोर्टल पर सभी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी गई थी, जिससे किसानों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं में पारदर्शिता बनी रहे। जिले भर में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य युद्ध स्तर पर अभियान के तहत चल रहा है। किसानों की फार्मर रजिस्ट्री के काम में उनका नाम ही रोड़ा अटका रहा है।
सभी दस्तावेज में एक जैसा नाम न होने से डाटा फीडिंग नहीं हो पा रही है। इससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। पहले तो शासन ने 31 जनवरी तक सभी किसानों की फार्मर रजिस्ट्री पूरी करने के निर्देश दिए थे लेकिन तमाम दिक्कतों के चलते इसकी समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है।
अधिकतर किसानों के साथ आ रही समस्या
अधिकतर किसानों के साथ नाम में भिन्नता की समस्या आ रही है। इससे फरवरी में सम्मान निधि न मिल पाने की आशंका से ये परेशान भी हैं। फार्मर रजिस्ट्री कराने के लिए खतौनी, आधार नंबर, पंजीकृत मोबाइल नंबर व बैंक खाता नंबर की फीडिंग करनी है। डाटा फीडिंग के दौरान सभी कागजों में नाम की एकरूपता होनी जरूरी है। किसी कागज में नाम के आगे टाइटल लगा है तो किसी में छूटा है। नाम के अक्षर भी इधर-उधर मिल रहे हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कतें खतौनी में दर्ज नाम व आधार और बैंक खाते में लिखे नाम में अंतर मिलने से हो रही है। राजस्व परिषद से मिली खतौनी में से अधिकांश किसानों का डाटा रियल टाइम खतौनी से लिंक न होने से भी फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है।
कहां-कहां आ रही दिक्कतें
किसान के आधार कार्ड व खतौनी में नाम, पिता का नाम व संबंध में भिन्नता होने पर लेखपाल के पोर्टल से सत्यापन नहीं हो पा रहा है। कुछ किसान तो ऐसे हैं, जिनकी खतौनी में नाम गलत है। ऐसे में उन्हें खतौनी में संशोधन कराना पड़ेगा और खतौनी पर दर्ज नाम में यदि संशोधन कराना है तो एसडीएम न्यायालय में मुकदमा दर्ज करना होगा।
न्यायालय के आदेश के बाद ही खतौनी में दर्ज नाम संशोधित हो सकेगा। इस जटिल प्रक्रिया के चलते किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं इसके डाटा की बात करें तो बिजुआ ब्लॉक में कुल 46671 किसान पोर्टल पर दर्ज हैं लेकिन इसके सापेक्ष अभी आधी भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराया तो इन योजनाओं के लाभ से हो सकते वंचित
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आगामी क़िस्त फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करने पर ही मिलेगा। यदि फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाया तो किस्त स्वत: बंद हो सकती है। इसके अलावा फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले कृषको को ही फसली ऋण, किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि संरचना निधि एवं अन्य ऋण देय होगें।
फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले कृषकों को ही फसल बीमा एवं आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत क्षति पूर्ति देय होगी। फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले कृषको का ही फसल उत्पाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जायेगा।
फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले कृषको को ही कृषि एवं सम्बद्ध विभागों की विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देय होगा एवं योजनाओ के लाभ के लिए बार बार कृषक को अपना सत्यापन भी नहीं कराना होगा। फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले कृषको को ही विभागीय कृषक परामर्श एवं समय समय में कृषि की नये नये कार्यकमों की जानकारी भी दी जायेगी।
फार्मर रजिस्टेशन करने के दौरान किसानों के जरूरी दस्तावेजों में एकरूपता नहीं होने से दिक्कतें आ रही हैं। जिनके सही हैं उनका रजिस्ट्रेशन हो रहा है।- अरविंद मोहन मिश्र, उप निदेशक (कृषि प्रसार)
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