तस्कर की डायरी ने खोला यूपी-बिहार पशु तस्करी से पुलिस गठजोड़ का राज, STF खंगाल रही कुंडली
कुशीनगर में एसटीएफ को मिली एक डायरी से यूपी-बिहार में पशु तस्करी के गठजोड़ का खुलासा हुआ है। डायरी में सिवान से मेरठ तक के तस्करों और पुलिस कर्मियों के नाम हैं जो हाईवे पर पशु लदे वाहनों को ग्रीन सिग्नल देते थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और बिहार में छापेमारी भी की है।

अजय कुमार शुक्ल, कुशीनगर। यूपी-बिहार की सीमा को जोड़ने वाला कुशीनगर एक बार फिर पशु तस्करी व तस्करों के ठौर, पुलिस से उनके गठजोड़ को लेकर सुर्खियों में आया है। दो दिन से यहां डेरा डाली एसटीएफ को बिहार के एक पशु तस्कर के पास मौजूद वह डायरी हाथ लगी तो इसने तस्करी के तार को बिहार के सिवान से लेकर मेरठ तक जोड़ दिया।
पशु-तस्कर व पुलिस गठजोड़ का राज भी बे-पर्द किया तो हाईवे की पुलिस चौकियों से लेकर थानों पर तैनात उन पुलिस कर्मियों के नाम भी उगल दिए, जो पशु तस्करी के इस खेल में अहम किरदार के रूप में हाईवे पर पशु लदे वाहनों को ग्रीन सिग्नल देते हैं।
हालांकि, पुलिस किसी ऐसी डायरी के मिलने से इन्कार कर रही है, लेकिन चर्चा में सच सामने आया तो यहां के थानों पर तैनात रहे पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए हैं कि, कहीं इसके छींटे उनके दामन तक न जा पहुंचे।
पशु तस्करी को लेकर चर्चा में आया कुशीनगर तस्करों के लिए उनके धंधे के उस द्वार के रूप में खुलता है, जहां से बिहार का रास्ता आसान हो जाता है। बिहार के जिस पशु तस्कर को एसटीएफ ने पकड़ा है, उसकी डायरी में इस काले धंधे का सच तो मिला ही है, वहीं मेरठ, मुजफ्फर नगर, अयोध्या आदि शहरों तक पुलिस-पशु तस्कर गठजोड़ का काला सच भी सामने आया है।
चर्चा को सच मानें तो इसमें उन पुलिस कर्मियों के नाम शामिल हैं, जो उनके इस धंधे में उनके बराबर के भागीदार हैं। कुशीनगर के दो थाना प्रभारियों, तीन चौकी इंचार्ज समेत 25 पुलिस कर्मियों की लाइन हाजिरी तो कार्रवाई की पहली कड़ी मानी जा रही है।
इसकी जद में अभी प्रदेश के अनेक शहरों के वे नाम भी आएंगे तो वर्दी को बदनाम कर रहे हैं। शुक्रवार को कुशीनगर पुलिस द्वारा बिहार के जनपदों में हुई छापामारी बता रही है कि डायरी बिहार के तस्करों को भी दबोचने में मद करेगी तो चंद पुलिस कर्मियों के सहयोग से अपने पशु तस्करी के धंधे को अब तक चला रहे थे।
जब दो चौकियों व एक थाना के 17 पुलिस कर्मी हुए थे लाइन हाजिर
-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में पशु तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में अगस्त 2022 में तत्कालीन कप्तान विनोद कुमार मिश्र ने बहादुरपुर पुलिस चौकी के पर तैनात सभी छह के साथ समउर पुलिस चौकी के भी छह पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया था।
पटहेरवा थाने के पांच पुलिसकर्मियों को भी तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया था। आरोप था कि इन पुलिसकर्मियों द्वारा पशु तस्करों से साठगांठ से हाइवे के रास्ते पशु तस्करी की जा रही है।
बिहार के दुबौली तकिया में यूपी-बिहार पुलिस ने की छापेमारी
गोरखपुर के पिपराइच में तस्करों द्वारा नीट की तैयारी कर रहे छात्र की हत्या के बाद चल रही लगातार कार्रवाई के क्रम में यूपी पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ संयुक्त अभियान के तहत बिहार के गोपालगंज के गोपालपुर थाना के दुबौली तकिया टोला में छापेमारी की।
मगर, गांव में तस्करों के घरों में ताला लगा हुआ मिला। बिहार पुलिस के सहयोग से कुछ घरों का ताला तोड़ सर्च अभियान भी चला, लेकिन कोई मिला नहीं। पुलिस बैरंग वापस लौट आई। तस्करों घरों पर छापेमारी की पुष्टि गोपालपुर बिहार की पुलिस ने भी की है।
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गोपालगंज जिले के गोपालपुर का दुबौली तकिया टोला (कसाई टोली) पशु तस्करी का गढ़ माना जाता है। यह यूपी की बहादुरपुर पुलिस चौकी से मात्र तीन किमी की दूरी पर स्थित है। यूपी के अनेक जिलों तक यहां के तस्करों का नेटवर्क काम करता है।
प्रदेश के बार्डर के भिन्न-भिन्न कच्ची-पक्की सड़कों से पिकअप द्वारा तस्करी से पशु लाकर गांव में बने अड्डों पर उतारे जाते हैं। करियर पशु तस्करों के माध्यम से पगडंडियों के रास्ते भी पैदल पशु लाते हैं। पिकअप के चालकों को इनाम भी दिया जाता है।
तस्करी कर लाए पशुओं को एकत्रित कर, ट्रक से बंगाल भेजने का काम होता है। यहां मुजफ्फरनगर के तस्करों के स्थायी शरण लेने की बात तक कही जाती है।
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