संस्कृत के विद्यार्थी की हत्या के मामले में पूर्व प्रधानाचार्य समेत चार पर केस, घटना स्थल पर पुलिस ने कोना-कोना झांका
हाटा कोतवाली पुलिस ने संस्कृत के छात्र कृष्ण की हत्या के मामले में पूर्व प्रधानाचार्य समेत चार लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। मृतक के पिता की तहरीर पर मामला दर्ज हुआ है। पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जांच के निर्देश दिए।

जागरण संवाददाता, हाटा। संस्कृत के विद्यार्थी 11 वर्षीय कृष्ण की हत्या कर शव को संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला के परिसर स्थित छात्रावास में ही फंदे से लटकाने के चर्चित मामले में हाटा कोतवाली पुलिस ने एक दिन बाद शनिवार को पूर्व प्रधानाचार्य समेत चार के विरुद्ध हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया।
मुकदमा पिता की तहरीर पर दर्ज किया गया। चारों आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है, ताकि घटना का असल कारण सामने आ सके। तहरीर में हत्या का जो कारण बताया गया है, पुलिस के गले के नीचे नहीं उतर रहा है।
हत्या नृशंस ढंग से की गई है और आत्महत्या दिखा पुलिस को गुमराह करने की कोशिश भी की गई है। ऐसे में पुलिस सभी पहलुओं पर गहन जांच में जुटी है। उधर देर शाम आरोपित प्रधानाचार्य को निलंबित भी कर दिया गया।
मृतक कृष्णा के पिता धनंजय दुबे द्वारा दी गई तहरीर में पूर्व प्रधानाचार्य प्रभुनाथ पांडेय, उनके पुत्र शिव पांडेय, बहू रिमझिम पांडेय व वर्तमान प्रधानाचार्य अवधेश दुबे पर अज्ञात लोगोें संग मिल कर हत्या का आरोप लगाया। कहा है कि बेटे की मृत्यु की सूचना पर कृष्णा के मामा मौके पर पहुंचे और विद्यालय परिसर में ही निवास बना रहेन वाले पूर्व प्रधानाचार्य से घटना के बारे में पूछा।
इस पर पूर्व प्रधानाचार्य का पुत्र आक्रोशित हो उठा। अपशब्द कहे और वहां से चले जाने को कहा। पूर्व प्रधानाचार्य ने भी अपने को ऊंची पहुंच वाला बताया और विद्यालय से चले जाने को कहे। तहरीर में छात्रावास में रह कर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का उत्पीड़न होने की बात भी कही गई है।
उधर एसपी संतोष कुमार मिश्र ने विद्यालय पहुंच घटनास्थल का निरीक्षण किया। चार घंटे रह कर शिक्षक, विद्यार्थियों से अलग-अलग बात की। कोतवाली पुलिस, फारेंसिक व स्वाट टीम को भी आवश्यक निर्देश दिए। जांच रात तक चलती रही।
किसी राज के पर्दाफाश होने का डर तो नहीं बना हत्या का कारण
-11 वर्षी कृष्णा से किसी की कोई अदावत होगी, यह बात मानने को कोई तैयार नहीं है। स्वजन से लेकर सहपाठी भी बता रहे कि उसका स्वभाव बेहद सरल व सहज था। पठन-पाठन के अलावा उसका दूसरा कोई काम नहीं था। विद्यालय से निकल बाजार आदि जाने में भी वह हिचकता था।
ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि घटना की रात ऐसा क्या हुआ, जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। क्या वह विद्यालय या आसपास की किसी ऐसी गतिविधि से परिचित था, जिससे किसी की पद, प्रतिष्ठा प्रभावित होने वाली हो। उसने कुछ ऐसा देख या सुन लिया हो, जिससे किसी की सच्चाई सामने आ सके। हालांकि, हत्या के पीछे की सच्चाई क्या है, यह तो जांच के बाद ही सामने आएगी।
डर व भय के बीच बच्चे, पंखा से लटकाने के प्रयास की भी चर्चा
-संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला का माहौल पिछले कुछ वर्षों से ठीक नहीं चल रहा था। पूर्व प्रधानाचार्य प्रभुनाथ पांडेय के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ शिक्षक अवधेश दुबे को प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी मिली। लेकिन वे विद्यालय पर पूर्ण रूप से प्रभावी अब तक न हो सके। पूर्व प्रधानाचार्य के पुत्र शिव पांडेय का विद्यालय के कामकाज में दखल होना इसका सबसे बड़ा कारण है।
बताया जा रहा कि उनके पद भार ग्रहण करने के कुछ समय बाद से ही प्रभुत्व को लेकर रस्सा-कस्सी का दौर शुरू हो गया। पूर्व प्रधानाचार्य का पुत्र का दखल यहां तक बढ़ गया था कि वह विद्यार्थियों से अपने घर का काम भी लेता था। चर्चा है कि एक बार तो उसने एक बच्चे को पंखे से लटकाने का भी प्रयास किया था, ताकि दूसरे बच्चों में उसके नाम का भय बना रहे। शिव विद्यालय परिसर स्थित आवास में ही रहता है।
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छात्रावास न छोड़ने का सख्त निर्देश
छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को छात्रावास न छोड़ने का सख्त निर्देश दिया गया है। पुलिस ने विद्यालय प्रशासन को इस संबंध में स्पष्ट बताया गया है कि जब तक पुलिस की जांच नतीजे पर नहीं पहुंच जाती, तब तक किसी भी विद्यार्थी को छात्रावास छोड़ कर जाने की अनुमति न दी जाए।
-यह बेहद गंभीर मामला है, पुलिस की सभी पहलुओं पर नजर है। जांच चल रही रही है। शीघ्र ही हम घटना के कारणों तक पहुंच जाएंगे। हत्या में लिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी, ताकि नजीर बने।
-संतोष कुमार मिश्र, एसपी
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