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    Road Safety: खतरे से खाली नहीं है बदहाल सड़कों पर चलना, अवैध कट व ब्लैक स्पाट बने जानलेवा

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 17 Nov 2022 03:15 PM (IST)

    कुशीनगर जिले में बेतरतीब सड़कें रोज जिंदगियां लील रही हैं। बदहाल सड़कों व अवैध कट के कारण हर दिन हादसे होते रहते हैं। चालू वर्ष में अब तक मार्ग दुर्घटना में 32 लोगों की जान जा चुकी है।

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    अवैध कट व ब्लैक स्पाट जानलेवा। -जागरण

    कुशीनगर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर जिले में बदहाल सड़कों पर चलना खतरे से खाली नहीं है। दुर्घटना के आंकड़े यही बताते हैं। चालू वर्ष में अब तक सड़क दुर्घटना में 32 लोगों की जान जा चुकी है। इन दुर्घटनाओं के कारण बने हैं ब्लैक स्पाट तो हाईवे पर बने अवैध कट या फिर सड़कों की खराब इंजीनियरिंग। नेबुआ नौरंगिया थाने के क्रांति चौराहे पर 16 नवंबर की रात आठ बजे बाइक सवार दो युवकों की मृत्यु इन खामियों को एक बार उजागर की। कसया के गांधी चौक, गोला बाजार, पटहेरवा के चौरा, पडरौना के सुभाष चौक, एनएच 28 बी पर बैरिया मोड़, बाणीपुल, पचफेड़ा बाबा स्थान, सोहरौना, एस्सार पेट्रोल पंप, गोमती नगर पचफेड़ा स्थान मोड़, सरपतहीं बुजुर्ग, नौरंगिया स्कूल टोला, पनियहवा, खड्डा चौराहा पर आए दिन इन खामियों के चलते दुर्घटनाएं हो रही हैं। दैनिक जागरण की रोड आडिट के दौरान 305 किलोमीटर की सड़कों पर हर तरफ खामी नजर आई।

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    कहीं अंधा मोड़ तो कहीं सड़क की पटरी ही गायब

    जिले के एक छोर पर स्थित सरपतही बाड़ी पुल के समीप एनएच 727 पर अंधा मोड़ है तो यहां ब्रेकर है ही नहीं। हद तो यह है कि सड़क की पटरी भी गायब है। पिछले पांच वर्षों में दुर्घटना के चलते 30 से अधिक जानें गई हैं।

    तकनीकी खामी से बने तीखा मोड़ ले रहे जान

    मठिया बुजर्ग का तीखा मोड़ सड़क निर्माण के समय हुई गलती को बताता है। पनियहवां बाजार के तिराहा पर तीखा मोड़ दुर्घटना का कारण बनकर खड़ा है। हाटा कोतवाली के समीप फोरलेन सड़क व सर्विस लेन के बीच तीखा मोड़ पूरी तरह से जानलेवा है। कसया-कुशीनगर का तीखा मोड़ तो पूरी तरह से जालनेवा है। यहां फोरलेन व सर्विस रोड के साथ कसया संपर्क मार्ग मिलता है, लेकिन फ्लाइओवर व फुट ब्रिज तक नहीं है। गोपलगढ़ का रिंग रोड मोड़, डिजाइन के अनुसार अंडर पास व फ्लाइओवर की मांग करता है, लेकिन बन नहीं सका है। फाजिलनगर कस्बे में बघौच मोड़ पर भी विभाग फ्लाइओवर निर्माण की बात करता है, लेकिन अब तक बना नहीं सका है।

    गड्ढों की भरमार, मोड़ पर संकेतक नहीं

    हनुमानगंज लिंक मार्ग पर चार सौ से अधिक गड्ढे हैं। थोड़ी भी असावधानी पर वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होते हैं। छितौनी बगहां मोड़ के समीप कोई कोई संकेतक नहीं है। ठंड में कोहरे के समय यह टेढ़ा मोड़ दुर्घटना का कारण बनता है। नेबुआरायगंज बाजार की चौड़ी सड़क पर साइनेज के नहीं हैं।

    गति अवरोधक व डिवाइडर पर भी ध्यान नहीं

    विभाग द्वारा चिह्नित दुर्घटना बाहुल्य स्थानों में से अधिकांश पर गति अवरोधक तक नहीं बनाए गए हैं। मसलन कप्तानगंज आजाद चौक को देख लीजिए जहां डिवाइडर है और न संकेतक व ब्रेकर ही। बेतरतीब मोड़ तो गलत आकार की सड़कें-मंसाछापर चिरगोड़ा मार्ग पर डब्ल्यू आकार का अंधा मोड़ जानलेवा है। भैरोगंज में एस आकार की सड़क खतरे को निमंत्रण देती है। वाड़ीपुल का मोड़ अनेक दुर्घटनाओं का कारण बन चुका है, तब भी यहां अब तक बचाव के इंतजाम नहीं किए गए हैं।

    हाईवे पर खुद बना लिए कट, दे रहे दुर्घटना को अंजाम

    सलेमगढ़ के बगही कुटी के समीप फोरलेन के डिवाइडर को तोड़कर अवैध क्रासिंग बनाई गई है। ऐसे ही मल्लूडीह, जोकवा बाजार, हेतमिपुर, पंद्रह मिल समेत 27 स्थानों पर अवैध कट बनाए गए हैं। यहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

    जनपद में यह हैं ब्लैक स्पाट

    जिले में 13 ब्लैक स्पाट एआरटीओ व एनएचआइ ने चिह्नित किए हैं। सलेमगढ़, मंझरिया कट, तमकुहीराज तहसील मोड़, बघौचमोड़ फाजिलनगर, रजवटिया, पटहेरिया, महुअवा कांटा, पिपरारज्जब, जोकवा पुलिस चौकी, कुशीनगर जेटी तिराहा, ढाढ़ा, भैसहां व सुबुधिया खुर्द।

    आडिट में मिली यह खामी

    • सड़क पर कुल गड्ढे : 1752
    • अवैध खतरनाक मोड़ : 21
    • ऐसे स्थल जहां संकेतक नहीं थे : 125
    • ऐसे चौराहे जहां लाइट नहीं थी : 31
    • सड़कों के किनारों पर कट : 27