नेपाल हिंसा: सड़कों की यह वीरानी कह रही है उस अशांति की कहानी, नेपाल हिंसा के पांचवें दिन भी पसरा रहा सन्नाटा
नेपाल में हिंसा के कारण सीमा पर सन्नाटा पसरा है जिससे पर्यटन और व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। पर्यटकों की आवाजाही रुक गई है और वाल्मीकिनगर बाजार में ग्राहक नहीं हैं। जेलों से भागे कैदियों के कारण सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालात सामान्य होने तक आवागमन पर रोक लगी है।

जागरण संवाददाता, कुशीनगर। वाहनों की लंबी कतार, पर्यटकों की सख्ती के साथ जांच, कतारबद्ध होकर एसएसबी बूथ पर अपने वाहनों का नंबर रजिस्टर में दर्ज कराना, रजिस्टर में दर्ज क्रम संख्या को अपने साथियों के बीच शोर मचाते हुए शेयर करना, नेपाल सीमा में आगे जाने का पर्यटकों की होड़....यह सबकुछ नेपाल में हुई हिंसा के बाद वाल्मीकिनगर बैराज पुल के निकट गायब हो गया है।
सड़कों की वीरानी नेपाल हिंसा के बाद उपजी अशांति की कहानी पूरी शिद्दत से कह रही हैं। गुम हो गई है बाजार की चहल पहल।
सीमावर्ती जनपदों में रहने वाले लोगों के चेहरे की हंसी भी गायब सी हो गई है। भारतीय पर्यटक नेपाल की भयावह स्थिति को देख भारतीय सीमा क्षेत्र के पर्यटन स्थल वाल्मीकिनगर भी नहीं जा रहे हैं। इससे इंडोनेपाल सीमा पर पर्यटन का पहिया पूरी तरह से थम सा गया है।
हमेशा गुलजार रहने वाला वाल्मीकिनगर के इंडो नेपाल बार्डर पर एक ओर एसएसबी के जवान तो दूसरी ओर नेपाली सेना तैनात है। सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक नेपाल और भारत के बीच आने जाने वाले पर्यटक नेपाल में भड़की हिंसा के बाद अब इंडो नेपाल सीमा पर नहीं दिख रहे हैं।
वाल्मिकीनगर बैराज पर वाहनों की जांच करते एसएसबी के जवान। जागरण
पांच दिन पहले नेपाल में आगजनी, तोड़फोड़ और विरोध-प्रदर्शन की घटनाओं के कारण सीमा पर हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। दूसरी ओर इस बीच आंदोलन का फायदा उठाकर नेपाल के अलग-अलग जेलों में बंद फरार हुए कैदियों को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर विशेष चौकसी बरती जा रही है।
भारतीय सीमा क्षेत्र में एसएसबी और स्थानीय पुलिस लोगों के नेपाल आवागमन पर पूरी तरह से हालात सामान्य होने तक रोक लगा दी है। हालांकि आपातकालीन परिस्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को आवागमन की अनुमति है।
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नेपाल से सटे यूपी-बिहार सीमा पर व्यापार ठप
नेपाल में हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और अशांति की वजह से पर्यटकों का आवागमन रुकने का सबसे अधिक दुष्प्रभाव व्यापार पर पड़ा है। पर्यटकों का नेपाल आवागमन रुका तो वाल्मीकिनगर बाजार का व्यापार थम गया है।
व्यापारी दुकानें तो खोल रहे हैं, लेकिन ग्राहकों की संख्या न के बराबर है। सबसे बुरा हाल होटल व्यवसायियों का है। बीते चार दिनों से सभी कमरे खाली चल रहे हैं। इसका असर पनियहवा के मछली व्यवसाय पर भी पड़ा है।
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