कुशीनगर में पांच साल बाद चीनी पर्यटकों का आगमन, पर्यटन में उत्साह
पांच वर्ष के अंतराल के बाद चीनी सैलानियों का कुशीनगर आगमन हुआ है, जिससे शहर में रौनक लौट आई है। कोरोना महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंधों के चलते सैलान ...और पढ़ें
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कुशीनगर के महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में पूजा करने के लिए जाते चीनी पर्यटक। जागरण
अनिल कुमार त्रिपाठी, कसया। पांच वर्ष बाद चीनी सैलानी बुधवार को कुशीनगर पहुंचे तो पुरानी रौनक लौटती दिखी। 21 सदस्यीय चीनी दल ने महापरिनिर्वाण मंदिर बुद्ध की पांचवीं सदी की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा का पूजन कर चीवर अर्पित किया और चीन-भारत संबंधों में प्रगाढ़ता व दोनों देशों की खुशहाली की कामना की।
चीनी दल ने बुद्ध के शवदाह स्थल रामाभार स्तूप का भी दर्शन व पूजन किया। दल फुजियान बुद्धिस्ट मोनास्ट्री (चीन) से 21 दिसंबर को दिल्ली पहुंचा। श्रावस्ती होते हुए बुधवार को यहां आया। गुरुवार को चीनी दल बिहार प्रस्थान करेगा। यह दल वैशाली, राजगिरि, नालंदा, बोधगया होते हुए 30 दिसंबर को बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ का भ्रमण करने के पश्चात चीन के लिए रवाना होगा। दल की अगुवाई भिक्षुणी फुजियान डायु कर रही है।
भारत व चीन के संबंध बेहतर हो रहे हैं। भारत द्वारा वीजा दिए जाने का चीन के लोगों ने स्वागत किया है। अब चीनी पर्यटकों का भारत में आगमन बढ़ेगा। इससे दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध और मजबूत होंगे। पर्यटन व्यवसाय पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। -फुजियान डायु चीनी भिक्षुणी
छह माह पूर्व ही भारत सरकार ने चीनी पर्यटकों को वीजा जारी करना शुरू किया। बावजूद बौद्ध सर्किट में पर्यटकों की संख्या अपेक्षित नहीं है। इसका कारण चीनी पर्यटकों का बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी नेपाल नहीं जा पाना है। यदि पर्यटक भारत आकर नेपाल गए तो भारत आने के लिए पुनः वीजा लेना होगा। इस विसंगति को दूर करने से चीनी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।- पंकज कुमार सिंह, महाप्रबंधक द रायल रेजिडेंसी
इससे रुकी थी आवग
पांच साल बाद कुशीनगर आने वाला यह पहला चीनी दल है। सरकार ने भारत-चीन सीमा विवाद और कोविड-19 के चलते चीनी पर्यटकों के भारत आने पर रोक लगा दी थी। पर्यटन सीजन के दौरान बड़ी संख्या में चीनी पर्यटक भारतीय बौद्ध सर्किट के साथ बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी (नेपाल) की यात्रा भारत से करते थे।
मार्च 2018 में अंतिम चीनी टूरिस्ट दल कुशीनगर आया था। 24 जुलाई 25 को केंद्र सरकार ने चीनी पर्यटकों को वीजा जारी करने की मंजूरी दी। जिससे चीनी पर्यटक आने शुरू हो गए हैं। अकेले चीन में 50 प्रतिशत बौद्ध अनुयायी रहते हैं।

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