UP में फाजिलनगर का नाम बदलकर होगा पावानगर, मिलेगी पुरानी पहचान
उत्तर प्रदेश के फाजिलनगर का नाम बदलकर पावानगर करने की तैयारी है। नगर पंचायत के प्रस्ताव और जिला प्रशासन की सिफारिश पर सरकार जल्द ही मुहर लगाएगी। प्राचीन काल में फाजिलनगर का नाम पावानगर था, और इसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि भगवान बुद्ध का अंतिम भोजन स्थल यहीं था, और जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने भी यहीं परिनिर्वाण प्राप्त किया था।

नगर पंचायत के प्रस्ताव व जिला प्रशासन की संस्तुति पर सरकार की लगेगी मुहर। जागरण
संवाद सूत्र, फाजिलनगर। सबकुछ ठीक रहा तो शीघ्र ही फाजिलनगर को पावानगर के नाम से जाना जाएगा। नगर पंचायत के प्रस्ताव व जिला प्रशासन की संस्तुति पर सरकार मुहर लगाने की तैयारी में है।
इसकी पुष्टि विधायक सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने की तो गुरुवार को गाजियाबाद के तरुण सागर धाम के पारसनाथ गुफा मंदिर के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया। इससे क्षेत्र में खुशी की लहर है।
फाजिलनगर से जुड़े इतिहास के पन्नों को पलटें तो प्राचीन काल में इसका नाम पावानगर ही था। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध इसी रास्ते कुशीनगर जाकर महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए थे। उनका अंतिम भोजन स्थल यहीं है। जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने यहीं परिनिर्वाण प्राप्त किया था।
प्रति वर्ष हजारों की संख्या में जैन व बौद्ध मतावलंबी यहां आकर दर्शन पूजन करते हैं। इस स्थल के ऐतिहासिकता को ध्यान में रखते हुए बीते 14 अक्टूबर को नपं की बैठक में फाजिलनगर का नाम पावानगर किए जाने का प्रस्ताव पारित कर जिला प्रशासन को भेजा गया था।
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ंडीएम महेंद्र सिंह तंवर ने अपनी संस्तुति के साथ उसे शासन काे भेज दिया। विधायक कुशवाहा ने बताया कि इस प्रस्ताव को सरकार की कैबिनेट ने पारित किया है। शीघ्र ही औपचारिकता पूर्ण कर शासन स्तर से नाम परिवर्तन किए जाने की घोषणा की जाएगी।

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