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बदहाली का शिकार बोदरवार रेलवे स्टेशन

रेलवे के प्रति यात्रियों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा नई-नई ट्रेनें चलाने के साथ ही तरह-तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं, पर पूर्वोत्तर रेलवे का बोदरवार रेलवे स्टेशन सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यहां प्लेटफार्म नं. दो झाड़ियों से पटा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 11:24 PM (IST)
बदहाली का शिकार बोदरवार रेलवे स्टेशन
बदहाली का शिकार बोदरवार रेलवे स्टेशन

कुशीनगर: रेलवे के प्रति यात्रियों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा नई-नई ट्रेनें चलाने के साथ ही तरह-तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं, पर पूर्वोत्तर रेलवे का बोदरवार रेलवे स्टेशन सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यहां प्लेटफार्म नं. दो झाड़ियों से पटा हुआ है। स्टेशन पर यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय व बैठने की सुविधा भी नहीं है। बिजली की सप्लाई बंद होते ही रेलवे स्टेशन पर अंधेरा छा जाता है, जिससे यात्रियों को अनहोनी की आशंका सताती रहती है। सुविधाओं के अभाव के कारण अधिकतर यात्री बोदरवार में ट्रेन पकड़ने के बजाय कप्तानगंज व पिपराइच आदि स्टेशनों पर पहुंच कर यात्रा करते हैं। रेलवे स्टेशन पर बने गड्ढे भी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। गोरखपुर से बोदरवार की दूरी 31 किमी है। यहां स्टेशन तो बना दिया गया, पर यात्री सुविधाएं नहीं बढ़ सकी हैं। वर्षों पूर्व यात्रियों के बैठने के लिए बने बेंच टूटते जा रहे हैं। सफाई के अभाव में रेलवे स्टेशन बदहाल है। क्षेत्र के अधिवक्ता महेंद्र गुप्त, प्रेम चंद्र मोदनवाल, केदार शर्मा, त्रिवेणी चौरसिया, कुंज बिहारी यादव, नन्दू गुप्ता, महेंद्र पटेल, महेश गुप्ता, ग्राम प्रधान श्रीनिवास गुप्त आदि ने रेलवे स्टेशन की बदहाली दूर कराने की मांग की है।

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