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    इस दिग्गज नेता ने अपने बूते ही कौशांबी में मुरझा दिया कमल, पहले तीनों विधानसभा में SP को दिलाई जीत; अब बेटे को बनवाया सांसद

    UP Lok Sabha Election Result प्रयागराज से कौशांबी को सात अप्रैल 1997 को अलग जिला बनवाने का श्रेय पूर्व मंत्री और मंझनपुर विधायक को ही जाता है। यह जनपद बसपा शासन काल में अस्तित्व में आया था। पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचान रखने वाले इस जिले में विकास के जो काम हुए हैं उन कामों को कराने में भी इनकी भूमिका अहम मानी जाती है।

    By raj k. srivastava Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 05 Jun 2024 05:13 PM (IST)
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    इस दिग्गज नेता ने अपने बूते ही कौशांबी में मुरझा दिया कमल

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और मंझनपुर विधायक इंद्रजीत सरोज अपने बूते ही जिले में कमल के फूल को फिर मुरझा दिया। जबकि कमल को खिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को छोड़कर यहां एनडीए के कई दिग्गज मंत्रियों और नेताओं ने आकर सभाएं कीं, लेकिन विपक्षी धुरंधरों पर वह भारी पड़ गए। लोकसभा चुनाव में अपने बेटे को जीत दिलाकर उन्होंने इस बात को साबित भी कर दिया।

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    प्रयागराज से कौशांबी को सात अप्रैल 1997 को अलग जिला बनवाने का श्रेय पूर्व मंत्री और मंझनपुर विधायक को ही जाता है। यह जनपद बसपा शासन काल में अस्तित्व में आया था। पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचान रखने वाले इस जिले में विकास के जो काम हुए हैं, उन कामों को कराने में भी इनकी भूमिका अहम मानी जाती है।

    जनता मानती है करीबी

    कलेक्ट्रेट, विकास भवन, पुलिस लाइन, एसपी कार्यालय, मंडी परिषद, कांशीराम गेस्ट हाउस, महामाया राजकीय महाविद्यालय, आइटीआइ, पालीटेक्निक कालेज आदि का निर्माण इन्हीं के मंत्रित्व काल में होने की बात कही जाती है। सड़क, बिजली, पेयजल आदि के भी काम कराए कराए। यही नहीं कहा जाता है कि वह लोगों के सुख-दुख में शरीक भी होते हैं। इन्हीं कारणों से कहीं न कहीं यहां की जनता उन्हें अपने करीब मानती है।

    राजनीतिक पंडित मानते हैं कि मजबूत जमीनी पकड़ और अपनी कुशल राजनीतिक रणनीति के कारण ही इंद्रजीत सरोज ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में मंझनपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से न सिर्फ जीत हासिल की थी, बल्कि सिराथू से पल्लवी पटेल और चायल से पूजा पाल को भी विजय दिलाने में कामयाब हुए थे।

    जमानत नहीं बचा सके नरेंद्र कुमार

    यह बात दीगर है कि इस बार लोकसभा चुनाव में सिराथू विधायक ने पिछड़ा, दलित और मुस्लिम (पीडीएम) से गठबंधन करके नरेंद्र कुमार को अपना प्रत्याशी बनाकर उतारा। हालांकि, वह अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। वहीं, पूजा पाल की भी भाजपा से नजदीकी जगजाहिर होने के कारण उन्होंने गठबंधन प्रत्याशी से दूरी ही बनाए रखा।

    उधर, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का यह गृह जनपद होने के बावजूद कोई करिश्मा नहीं दिखा सके।दूसरी बार वह अपनी साख बचा पाने में नाकामयाब साबित हुए।

    गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में केंद्र सरकार में नंबर दो का ओहदा रखने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बाबागंज में, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत कुछ अन्य मंत्रियों के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कौशांबी में जनसभा करने के लिए आए थे। इसके बावजूद इंद्रजीत सरोज बेटे को भारी जीत दिलाने में कामयाब रहे।

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