फर्जी दस्तावेजों पर शिक्षिका बनी स्नेहलता की सेवा समाप्त
परिषदीय विद्यालय रामपुर सुहेला में तैनात रही शिक्षिका स्नेहलता फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रही थी। एसआइटी की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है। इसके बाद से वह फरार है। बीएसए कार्यालय की ओर से लगातार उसे पत्र भेजा जा रहा है लेकिन वह जवाब नहीं दे रही है। ऐसे में बुधवार को बीएसए ने स्नेहलता की सेवा समाप्त कर दी। साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और वेतन की रिकवरी का भी निर्देश दिया है।

जासं, कौशांबी: परिषदीय विद्यालय रामपुर सुहेला में तैनात रही शिक्षिका स्नेहलता फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी कर रही थी। एसआइटी की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है। इसके बाद से वह फरार है। बीएसए कार्यालय की ओर से लगातार उसे पत्र भेजा जा रहा है लेकिन वह जवाब नहीं दे रही है। ऐसे में बुधवार को बीएसए ने स्नेहलता की सेवा समाप्त कर दी। साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और वेतन की रिकवरी का भी निर्देश दिया है।
सिराथू के धुमाई केन कनवार निवासी स्नेहलता ने फर्जी डीएड की डिग्री का प्रयोग कर पाच सितंबर 2016 से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रही थी। इनकी पहली तैनाती अमेठी में हुई थी। 26 जून 2019 को उसने अपना स्थानांतरण कौशांबी कराया था। पहले चायल और फिर यह मंझनपुर के रामपुर सुहेला प्राथमिक विद्यालय में तैनात रही। यहीं तैनाती के दौरान इन्हें भनक लगी कि इनकी जांच एसआइटी कर रही है। इनकी मणिपाल विश्वविद्यालय से जारी डीएड की डिग्री फर्जी है। जांच की जानकारी होते ही चार जुलाई 2020 से वह फरार हो गई। इसके बाद से शिक्षा विभाग ने लगातार इनसे संपर्क का प्रयास किया लेकिन कई पत्र भेजने के बाद भी जवाब नहीं दिया। एसआइटी ने भी इनके संबंध में बीएसए कार्यालय से जवाब मांगा। इसके बाद विभागीय कार्रवाई ने तेजी पकड़ी। बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने स्नेहलता की सेवा समाप्त कर दी। इसके साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया कि स्नेहलता फर्जी डीएड की डिग्री पर नौकरी कर रही थी। एसआइटी की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है। इसके बाद इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। अब इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए वेतन की रिकवरी की जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।