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    SIR in UP : 13 चुनाव लड़ने वाले छेद्दू का नाम कौशांबी जिले की मतदाता सूची से गायब, सिराथू के शमशाबाद निवासी हैं

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 08:27 PM (IST)

    SIR in UP कौशांबी जिले के सिराथू के रहने वाले छेद्दू, जो 13 बार चुनाव लड़ चुके हैं, उनका नाम मतदाता सूची से गायब हो गया है। बर्तन बेचकर जीवन यापन करने ...और पढ़ें

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    SIR in UP कौशांबी की मतदाता सूची से जुझारू प्रत्याशी माने जाने वाले छेद्दू का नाम कट गया है। फोटो सौजन्य : इंटरनेट मीडिया

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। SIR in UP गांव की सरकार से लेकर लोकसभा, विधानसभा तक का 13 बार चुनाव लड़ने वाले सिराथू के तैबापुर गांव निवासी छेद्दू को मतदाता पुनरीक्षण नामावली से गायब कर दिया गया। जबकि, वह चुनाव की तैयारी भी कर रहे हैं। वर्ष 2022 में वह सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सामने सिराथू से चुनाव मैदान में उतरा था।

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    बर्तन बेचकर परिवार का करते हैं भरण-पोषण 

    SIR in UP सिराथू तहसील के तैबापुर शमशाबाद निवासी छेद्दू पुत्र दुर्गा घर-घर बर्तन बेचकर खुद के साथ स्वजन का भरण-पोषण करते हैं। साइकिल में लगी तख्ती और हाथ में डुगडुगी उनकी पहचान है। 24 वर्ष पहले उनमें चुनावी जुनून जागा। वर्ष 2000 में शमसाबाद क्षेत्र पंचायत से चाचा धर्मराज को 195 मतों से शिकस्त देकर क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) का चुनाव जीते।

    तहसीलदार ने नाम जुड़वाने का दिया आश्वासन 

    SIR in UP इसके बाद से वह हर चुनाव में किस्मत आजमाने लगे। वह चाहे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हो या फिर विधानसभा व लोकसभा का। 24 बरस से वह घर-घर जाकर बस एक वोट मांगते चले आ रहे हैं। आरोप है कि हाल ही में शुरू हुए मतदाता पुनरीक्षण नामावली से उसका नाम गायब कर दिया गया। इसकी जानकारी हुई तो वह सोमवार को तहसील पहुंचे और मामले की शिकायत तहसीलदार से की। मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएलओ के जरिए प्रारूप दो भरवाया गया। इसके बाद नाम जुड़ जाने का आश्वासन देकर घर भेज दिया गया।

    उम्मीद जताई कि हर घर से एक वोट मिलेगा

    SIR in UP छेद्दू 24 साल के सियासी सफर में अब तक एक दो नहीं, 13 बार चुनाव लड़ चुके हैं। गांव की सरकार बनाने से लेकर विधानसभा व लोकसभा में हिस्सा बनने का सपना संजोए चुनाव लड़ते चले आ रहे हैं। वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं। वह क्षेत्र में साइकिल से घूम-घूम नगड़िया बजाकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि आज नहीं तो कल जरूर हर घर से एक वोट मिलेगा।

    वाचस्पति को भी छेद्दू के सामने करना पड़ा था संघर्ष

    वह लोकसभा और विधानसभा के दो-दो और जिला पंचायत के तीन चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे छेद्दू को 3,756 वोट मिले थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 1,147 वोट हासिल हुए थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में छेद्दू ने कौशांबी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें 3,340 वोट मिले थे। जबकि, 2019 के चुनाव में 3,566 मत प्राप्त हुए थे। 2015 के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु वाचस्पति को भी छेद्दू के सामने संघर्ष करना पड़ा था।

    चुनाव लड़ना हमारा जूनून...

    छेद्दू कहते हैं कि चुनाव लड़ना हमारा जुनून है। इसके लिए अपनी तमाम जरूरतों में कटौती करते हैं। सुबह से देर शाम तक बर्तन बेचने के साथ ही अपना प्रचार भी करता हूं। सियायत के चलते मतदाता सूची से नाम काट दिया गया है।

    क्या बोले तहसीलदार?

    सिराथू के तहसीलदार अनंतराम अग्रवाल का कहना है कि मतदाता सूची से नाम विलोपित होने की शिकायत की गई थी। इसके बाद प्रारूप दो का विकल्प भरवा दिया गया है। छेद्दू के साथ जिनका नाम कटा है, वह जुड़ जाएगा। एआइ ने कुछ नामों को विलोपित कर दिया था जो एक से अधिक थे।