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    'रील' से रीयल लाइफ में गैंगस्टर बना अरविंद: दोस्त के बेटे को अगवा कर मांगी 25 लाख फिरौती, ऐसे दबोचा गया

    Updated: Wed, 09 Apr 2025 03:16 PM (IST)

    कौशांबी में 25 लाख रुपये की फिरौती के लिए बालक के पिता के दोस्त ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर साजिश रची थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड अरविंद यादव को गिरफ ...और पढ़ें

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    पिता का दोस्त ही निकला बालक के अपहरण का मास्टरमाइंड। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, कौशांबी। 25 लाख रुपये की फिरौती वसूलने के लिए बालक के पिता के दोस्त ने ही अपने साथियों के साथ साजिश रची थी। बालक को अगवा कराने के बाद वह खुद मददगार बनकर बालक के यहां फिरौती की पहली किश्त पांच लाख रुपये वसूलने पहुंचा था।

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    अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद जब राजफाश हुआ तो आरोपित युवक को सैनी कोतवाली पुलिस ने मंगलवार सुबह ननमई मोड़ के समीप से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के पास से दो तमंचा, कारतूस व कार बरामद हुई है। एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम को 25 हजार रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया है।

    प्लॉट 80 लाख में बेचा था

    सैनी क्षेत्र के पहाड़पुर कोदन गांव निवासी राम शिरोमणि ने करीब तीन महीने पहले टेवां स्थित ननिहाल का एक प्लॉट 80 लाख रुपये में बेचा था। इस जमीन का सौदा उनके बेटे भारत लाल के दोस्त टेवां निवासी अरविंद यादव उर्फ अभिषेक ने कराया था। आठ बिस्वा जमीन अरविंद ने भी राम शिरोमणि से खरीदी थी। इस पैसे का भुगतान नहीं किया गया था।

    भारत के पिता ने जमीन बिक्री से मिले पैसे से ट्रैक्टर खरीदा। पुराना कर्ज चुकाया और बाकी के पैसे से घर बनवाना शुरू किया। इसके बाद भी करीब 25 लाख रुपये राम शिरोमणि के पास थे। इस पैसे को लेकर अरविंद यादव की नीयत डोल गई। उसने अपने साथी भारत के 13 वर्षीय बेटे प्रतीक को अगवा करके पांच-पांच लाख रुपये की किश्त में पैसा वसूल करने की योजना बनाई।

    बालक को अगवा कराने के मास्टर माइंड अरविंद की अवैध असलहे के साथ प्रसारित फोटो- सौजन्य- इंटरनेट मीडिया

    दोस्त के बेटे को अगवा करने की बनाई योजना

    इस साजिश में उसने अपनी बहन के देवर अमुरा निवासी गुड्डू यादव के शामिल किया। गुड्डू प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। गुड्डू के कहने पर सुभाष विश्वकर्मा, अमित कुमार व शिवबाबू मौर्य भी शॉर्टकट में लखपति बनने के लिए साजिश का हिस्सा बन गए। चार अप्रैल की रात गुड्डू, सुभाष व शेरा बाइक लेकर भारत के यहां पहुंचे।

    शिवबाबू कार लेकर दूर खड़ा था। प्रतीक को अगवा कराने के बाद वह पीड़ित स्वजन के यहां पहुंचा। इधर, बीच अपहरणकर्ताओं के पकड़े जाने के बाद उसका राजफाश हो गया था।

    एसपी ने बताया कि अरविंद यादव अपहरण कांड का मास्टरमाइंड था। उसी ने किश्त में रकम लेने का फैसला किया था। उसके पास से दो तमंचा, कारतूस व कार बरामद हुई है। गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम को 25 हजार रुपये से पुरस्कृत किया है।

    बदमाशों के खिलाफ की जाएगी गैंग्सटर की कार्रवाई

    एसपी ने बताया कि अपहरण की घटना में शामिल मास्टरमाइंड सहित चार लोग अब तक पकड़े जा चुके हैं। एक आरोपित की गिरफ्तारी शेष है। सभी के खिलाफ गैंग्सटर की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अपराधियों के खिलाफ प्रभारी पैरवी करते हुए मॉनीटरिंग सेल के माध्यम से शीघ्र सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

    मास्टरमाइंड ने 20 दिन पहले घर पर रखी थी पार्टी

    बालक के अपहरण का मास्टरमाइंड अरविंद के शातिर होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने घटना की पूरी पटकथा लिखी, लेकिन खुद को इससे दूर रखा। घटना के 20 दिन पहले उसने अपने घर पर पार्टी की। यहीं पर गुड्डू सुभाष विश्वकर्मा व शिवबाबू से मुलाकात कराई। अपहरण की योजना समझाने के बाद धमकाने के लिए असलहों की व्यवस्था की।

    20 वर्ष की दोस्ती पर लगाया कलंक

    अपहृत बालक प्रतीक के पिता भारत लाल की मौसी टेवां गांव में रहती हैं। यहीं पड़ोस में आरोपित अरविंद यादव का घर है। करीब 20 साल भारत लाल अपनी मौसी यहां ही रहा। इस वजह से उसकी दोस्ती भारत लाल से थी। भारत लाल ने जब अपनी मौसी के बेटे शुभम से जमीन बेचने की बात कही तो उसकी आंखों में चमक आ गई। इस जमीन से आठ बिस्वा जमीन उसने खरीद ली। बाकी जमीन 80 लाख रुपये में गुड्डू केसरवानी व विपिन केसरवानी को बिकवा दी।

    रील से रीयल लाइफ में गैंग्सटर बना अरविंद

    बालक प्रतीक को अगवा कराने का मास्टरमाइंड अरविंद यादव को रील लाइफ में गैंग्सटर बनने का शौक था। गैंग्सटर फिल्मों जैसा रील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वह प्रसारित करता था। अवैध असलहे व लग्जरी गा़ड़ियों के साथ उसकी रील अक्सर इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होती रहती है। इसकी जानकारी सदर कोतवाली पुलिस को भी थी। कोतवाली के टेवां चौकी में तैनात रहा एक दारोगा हर बार अरविंद का ढाल बन जाता था।

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