Kaushambi Murder Inside Story: सवालों के घेरे में पुलिस, सवा महीने से चल रहा था तांडव; कई बार शिकायत के बावजूद नहीं हुआ एक्शन
Kaushambi Murder Inside Story उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में दुराचार पीड़िता की निर्मम हत्या महेवाघाट पुलिस की लापरवाही से हुई। पीड़िता के घर पर महीने भर से नग्न तांडव किया जा रहा था। आरोपित व उसके स्वजन आए दिन सुलह के लिए दरवाजे पर चढ़कर गाली-गलौज करते थे। पीड़ित पक्ष ने कई बार इसकी शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस कार्रवाई के बजाए आंख-कान बंद किए बैठी रही।

हिमांशु भट्ट, कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में दुराचार पीड़िता की निर्मम हत्या महेवाघाट पुलिस की लापरवाही से हुई। पीड़िता के घर पर महीने भर से नग्न तांडव किया जा रहा था। आरोपित व उसके स्वजन आए दिन सुलह के लिए दरवाजे पर चढ़कर गाली-गलौज करते थे।
पीड़ित पक्ष ने कई बार इसकी शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस कार्रवाई के बजाए आंख-कान बंद किए बैठी रही। परिणाम अब सबकी आंखों के सामने है।
पीड़ित युवती व दुष्कर्म का आरोपित दोनों एक ही बिरादरी के हैं। इनका घर भी आसपास ही है। शादी का झांसा देकर दुराचार किए जाने के मामले में मई 2022 में जेल गया आरोपित नवरात्र से पहले छूटकर आया तो दोनों परिवारों के बीच सुलग रही अदावत की चिंगारी एक बार फिर से सुलग उठी फिर से समझौता करने का दबाव बनाया जाने लगा।
दबंग किस्म का आरोपित पक्ष
दबी जुबान से ग्रामीणों ने बताया कि आरोपित पक्ष दबंग किस्म का है। इनका सामना करने की कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता। पीड़ित कुनबा भी सामना करने के बजाए पुलिस के भरोसे ही था। दबंग रोजाना नशे में धुत होकर गाली-गलौज करते थे। युवती के साथ उसके कुनबे के सदस्यों का भी इन्होंने जीना दूभर कर दिया था।
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पीड़ित कुनबा घर के बाहर निकलने तक से पहले सौ बार सोचता था। दादागीरी की तहरीर आधा दर्जन से भी अधिक बार पुलिस को दी गई। मौत के घाट उतारी गई पीड़ित युवती सोमवार की शाम भी तहरीर देकर ही थाना से लौटी थी।
गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने शुरूआती दौर में ही तहरीर को गंभीरता से लिया होता और कार्रवाई कर दी होती तो शायद यह सनसनीखेज वारदात नहीं होती। अब पुलिस के पास झूठ पर झूठ बोलने के अलावा बाकी कुछ नहीं है। अधिकारी जांच कराने की बात कहकर मामले को टाल रहे हैं।
सनसनीखेज वारदात के बाद गांव में सन्नाटा
सनसनीखेज वारदात के बाद पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। ग्रामीण घरों के दरवाजे बंद कर भीतर दुबक गए। कुछ चंद लोग ही बाहर दिखाई दिए। हालांकि, वह भी आसानी से कुछ बोलने को राजी नहीं थे। पुलिस के सामने तो कोई मुंह खोलने को तैयार ही नहीं था। पीड़ित कुनबे के सदस्य शव के पास मृतका की छाती से लिपटकर करुण क्रंदन कर रहे थे। वह बिटिया की हत्या की तहरीर देने थाना जाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। बाद में पुलिस की सुरक्षा के बीच उन्हें थाने भेजा गया।
हत्या में पहले भी जेल जा चुका है हत्यारोपित
कुल्हाड़ी से हमला कर दुराचार पीड़िता को मौत की नींद सुलाने वाला अशोक निषाद हत्या के एक मामले में पहले भी जेल जा चुका है। लगभग दो साल पहले उसने गांव के ही एक व्यक्ति की हत्या की थी। अभी छह महीने पहले ही छूटकर आया है। दबी जुबान से ग्रामीणों ने बताया कि सलाखों के बाहर आते ही उसने दादागीरी शुरू कर दी थी। आसपास के इलाके में राैब गालिब करता था।
तलाश में लगाई गई पुलिस की तीन टीमें
एसपी ने आरोपित की तलाश में तीन टीमों को लगा दिया है। बताया कि पहली सीओ मंझनपुर अभिषेक सिंह, दूसरी एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह और तीसरे टीम महेवाघाट थाना की है। यह टीमें कौशांबी के साथ ही बार्डर पर बसे फतेहपुर और चित्रकूट जिले तक के गांवों की देर रात तक खाक छानती रहीं। सर्विलांस सेल को अलर्ट मोड पर रखा गया। तमाम कोशिशों के बाद भी खबर लिखे जाने तक कोई आरोपित पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा।
महेवाघाट पुलिस को तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दे दिया गया है। आरोपित पक्ष की तलाश में तीन टीमें लगा दी गई हैं। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। मुकदमेबाजी के पुराने विवाद में घटना कारित की गई है। -बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी
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