कुएं में डूबे बालक को बाहर निकालने वालों के पस्त हुए हौसले, पीतंबर ने आगे बढ़ दिखाया आइना, मलाल कि नहीं बचा सका नन्हीं जान...
कौशांबी में, एक कुएं में गिरे अंकित नामक बालक को बचाने के प्रयास विफल रहे। ग्रामीणों, पुलिस और दमकल कर्मियों के बाद, पीतंबर नामक एक व्यक्ति ने साहस दिखाया। रस्सी के सहारे कुएं में उतरकर उसने तीन सांपों को मारा और बच्चे को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बच्चे का शव मिलने पर पीतंबर को जान न बचा पाने का मलाल रहा।

कौशांबी में कुएं में डूबकर बालक की मौत के बाद गमगीन परिवार की महिलाएं व अन्य। जागरण
जागरण संवाददाता, कौशांबी। कुएं में गिरे अंकित के सकुशल बाहर निकलने की उम्मीद पहले ही टूट चुकी थी। उसके अंतिम दर्शन को लाचार पिता राकेश व मां अनीता अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे थे। पहले ग्रामीण फिर पुलिस व बाद में पहुंचे दमकल कर्मियों के बचाव कार्य को देख दंपती के आंसू कभी जम जाते तो कभी फिर से बहने लगते। इस बीच हौसला दिखाते हुए हिसामबाद गढ़वा के पीतंबर आगे बढ़े तो बचाव कार्य में जुटा प्रशासनिक अमला पीछे लग गया।
कोई कुएं में जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था
पीतंबर बताते हैं कि फायर कर्मियों ने पहले ही रस्सी के सहारे बांस कुएं में डलवाकर पानी की गहराई करीब 30 फीट नाप ली थी। इसे लेकर कोई नीचे जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। कुएं में पानी होने से यह तो यकीन हो गया कि नीचे गैस नहीं है। जैसे ही वह रस्सी से नीचे उतरने लगा तो एक-एक कर तीन सांप बिल से बाहर निकल आए। कुछ पल के लिए सांप देख कलेजा कांपा, लेकिन आगे बालक की दांव पर लगी जिंदगी को उसने वरीयता दी। डंडे से तीनों सांप को मार डाला।
हर बार कूड़े में फंस रही थी कंटिया
इसके बाद पीतांबर रस्सी में झाबा बांधकर वह फायर कर्मियों के साथ नीचे उतरे। पानी की सतह पर पहुंचने के बाद रस्सी में कटिया डालकर उसे घुमाने का प्रयास किया गया, लेकिन हर बार कूड़ा ही कटिया में फंस रहा था। इसे लेकर करीब चार घंटे का वक्त लग गया।
गमगीन माहौल में की हिम्मत की तारीफ
इस बीच बच्चे का कपड़ा कटिया में किसी तरह फंसा तो उसे बाहर निकाला जा सका। पीतंबर को मलाल इस बात का था कि इतनी मेहनत के बाद भी वह अंकित की जिंदगी नहीं बचा सके। बालक का शव बाहर निकाले जाने के बाद जहां पीड़ित स्वजन की आंखों से आंसू का सैलाब निकला, वहीं मौजूद लोगों ने पीतंबर को गले लगाकर उसकी हिम्मत की तारीफ की गई।
बस्ती के बीच अब मौत की तरह दिख रहा कुआं
अंकित जिस कुएं में गिरकर मौत का शिकार हुआ। कभी बस्ती के लोग उससे पानी लेकर पीते थे। कुएं की जगत भी पक्की थी। इस दौरान विकास की रफ्तार में इंडिया मार्का हैंडपंप लगा तो लोगों ने कुएं से पानी भरना बंद कर दिया। लोग कुएं की जगत पर पुआल आदि रखते थे। इसके अलावा कूड़ा भी इस बीच फेंका जाने लगा था। बस्ती में रहने वाले लोग अब हादसे के बाद से डरे हुए हैं।
...ताकि भविष्य में न हो ऐसी घटना
स्थानीय लोग अब कुएं को पटवाने की योजना बना रहे हैं। पुलिस ने भी लोगों से यही अपील किया है कि वह कुएं की छत को पटवा दें, जिससे आगे चलकर कोई अन्य हादसे का शिकार नहीं हो सके।

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