कौशांबी में 41224 मतदाताओं का वोटर लिस्ट से डिलीट हो गया नाम, AI ने साफ की पिक्चर
कौशांबी में पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। राज्य निर्वाचन आयोग ने पाया कि 41,224 मतदाताओं के नाम डुप्लीकेट थे, जिसके बाद ...और पढ़ें

मनोज दुबे, कौशांबी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले नवंबर माह में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर चौंकाने वाला राजफाश हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग की समीक्षा में सामने आया है कि लाखों मतदाताओं के नाम एक ही सूची में बार-बार दर्ज हैं। एआइ ने एक लाख 64 हजार 444 मतदाता ऐसे पाए थे, जिनके नाम मतदाता सूची में दो या तीन बार दर्ज थे।
सत्यापन में एक लाख 14 हजार 311 मतदाता सही पाए गए। इसके बाद 41,224 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए गए हैं। कौशांबी के पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में कुल 10 लाख 46 लाख 695 मतदाता हैं। इनमें पांच लाख 54 हजार 309 पुरुष व चार लाख 92 हजार 386 महिला मतदाता हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को त्रुटि मुक्त करने का काम शुरू किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से जांची गई कौशांबी की मतदाता सूची में शामिल 10 लाख 46 हजार 695 मतदाताओं में से एक लाख 64 हजार 444 डुप्लीकेट मतदाता पाए गए थे।
एप ने उन वोटरों को चिह्नित किया था, जिनके नाम-पिता के नाम और पते एक जैसे हैं। इतनी बड़ी संख्या सामने आने के बाद तीनों तहसीलों में संबंधित बीएलओ द्वारा सभी डुप्लीकेट मतदाताओं का घर-घर जाकर सत्यापन किया। इसके सापेक्ष एक लाख 14 हजार 311 मतदाता सही पाए गए। इसके बाद डुप्लीकेट पाए गए 41,224 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए गए हैं।
सिराथू तहसील में थे सर्वाधिक डुप्लीकेट मतदाता
सिराथू तहसील के कड़ा व सिराथू ब्लाक में सर्वाधिक डुप्लीकेट मतदाता पाए गए। कड़ा में 25 हजार 668 के सापेक्ष 13 हजार 394 मतदाता डुप्लीकेट पाए गए। इसी तरह सिराथू में 33 हजार 830 के सापेक्ष 16 हजार 467 मतदाता गलत पाए गए। जिनका नाम मतदाता सूची से डिलीट किया जा चुका है। मंझनपुर के कौशांबी व चायल के नेवादा ब्लाक में भी डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम सूची में अधिक पाए गए थे।
622 बीएलओ की लगाई गई थी ड्यूटी
वर्ष 2021 में कौशांबी की 451 ग्राम पंचायतों में कुल 10 लाख 46 हजार 695 मतदाता शामिल थे। इस बार मतदाता पुनरीक्षण अभियान 18 अगस्त से शुरू किया गया था इसके लिए जिले में 622 बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई थी। एआइ तकनीक की मदद से डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान होने के के बाद बीएलओ ने सत्यापन करते हुए जांच रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग दी। बीएलओ की रिपोर्ट के बाद डुप्लीकेट पाए गए सभी नामों को सूची से हटा दिया गया है।
सत्यापन का काम पूरा होने के बाद जो वोटर सही पाए गए, उनके नाम सूची में बरकरार हैं। डुप्लीकेट नामों को हटाकर मतदाता सूची को स्वच्छ और त्रुटि रहित किया गया है। कुछ वोटरों का दूसरे स्रोत से सत्यापन किया गया है। रिपोर्ट आयोग को भेजी जा चुकी है। - डा. अमित पाल, जिला निर्वाचन अधिकारी।

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