वट वृक्ष धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
वटवृक्ष धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है। हिदू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है। अलग-अलग देवों से विभिन्न वृक्ष उत्पन्न हुए। उस समय यक्षों के राजा मणिभद्र से वटवृक्ष उत्पन्न हुआ। ऐसा मानते हैं कि इसके पूजन से और इसकी जड़ में जल देने से पुण्य प्राप्ति होती है। यह वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक है।

संसू, टेढ़ीमोड़ : वटवृक्ष धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। बरगद का वृक्ष एक दीर्घजीवी विशाल वृक्ष है। हिदू परंपरा में इसे पूज्य माना जाता है। अलग-अलग देवों से विभिन्न वृक्ष उत्पन्न हुए। उस समय यक्षों के राजा मणिभद्र से वटवृक्ष उत्पन्न हुआ। ऐसा मानते हैं कि इसके पूजन से और इसकी जड़ में जल देने से पुण्य प्राप्ति होती है। यह वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक है। इसकी छाल में विष्णु, जड़ में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है। जिस प्रकार पीपल को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है ठीक उसी प्रकार बरगद को शिव का रूप माना जाता है। यह प्रकृति के सृजन का प्रतीक है। इसलिए संतान के इच्छुक लोग इसकी विशेष पूजा करते हैं। यह बहुत लंबे समय तक जीवित रहता है। इसलिए इसे अक्षयवट भी कहा जाता है।
वट वृक्ष के वैज्ञानिक महत्व पर जाएं तो माना जाता है कि इसकी पत्तियां एक घंटे में पांच मिलीलीटर आक्सीजन देती हैं। यह वृक्ष दिन में 20 घंटे से ज्यादा समय तक आक्सीजन देता है। इसके पत्तों से निकलने वाले दूध को चोट, मोच और सूजन पर दिन में दो से तीन बार मालिश करने से काफी आराम मिलता है। महिलाओं के विचार
हमारे हिदू धर्म में वट वृक्ष की बहुत महत्ता है। बरगद को शिव समान माना जाता है। अनेक व्रत व त्योहारों में वटवृक्ष की पूजा की जाती है। इस बार एक वट का पौधा जरूर लगाएंगे। पति की दीर्घ आयु की कामना करने के लिए हम पूजा करते हैं।
- अर्चना सिंह वटवृक्ष धार्मिक आस्था का प्रतीक है। इस वृक्ष के प्रति आस्था इतनी अधिक है कि इस वृक्ष के नाम पर ही सुहागिनों का पर्व वट सावित्री व्रत नाम रखा गया है। इस दिन सुहागिनें व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। ऐसे में एक वट का पौधा लगाना चाहिए।
- सोनी गुप्ता वट वृक्ष धार्मिक महत्व के साथ जीवन रूपी ऑक्सीजन भी देता है। दैनिक जागरण की इस पहल पर मैं एक वटवृक्ष का रोपण करने के साथ उसका संरक्षण भी करूंगी, जिससे वह पूजन के लिए स्थिर हो जाए।
- शालिनी सिंह वट सावित्री पूजा का हिदू धर्म मे विशेष महत्व है। हमारे घर पर ही बरगद का पेड़ है। हम घर पर ही सामाजिक दूरी का पालन करते हुए व्रत व पूजन करेंगे।
- श्रेया द्विवेदी
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