HC से जमानत के बाद मुख्तार का बेटा उमर अंसारी कासगंज जेल से रिहा, परिवार के साथ रवाना
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी जो गैंगस्टर एक्ट में जब्त जमीन छुड़ाने के लिए मां के फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में जेल में बंद थे अब रिहा हो गए हैं। उन्हें गाजीपुर जेल से कासगंज जेल स्थानांतरित किया गया था। 19 सितंबर को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई।

जागरण संवाददाता, कासगंज। गैंग्स्टर एक्ट में जब्त जमीन छुड़ाने को मां के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की जेल से रिहाई हो गई। उमर को 23 अगस्त को गाजीपुर जेल से कासगंज जेल स्थानांतरित किया गया था। 19 सितंबर को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई की प्रक्रिया मंगलवार शाम को पूरी कर ली गई। शाम सात बजे जेल से रिहाई के बाद विधायक भाई अब्बास अंसारी और भाभी के साथ घर के लिए रवाना हो गया।
बाहुबली विधायक रहे मुख्तार अंसारी और उसके परिवार की अचल संपत्ति गैंग्स्टर एक्ट के तहत सीज की गई थीं। पिता मुख्तार के नाम की जब्त संपत्ति वापस लेने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई। आरोप था कि छोटे बेटे उमर अंसारी ने याचिका में अपनी मां आफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर किए। गाजीपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उमर को गिरफ्तार कर जेल भेजा। सुरक्षा कारणों के चलते उसे 23 अगस्त को कासगंज जेल स्थानांतरित किया गया। यहां उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 सितंबर को उमर अंसारी की जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। मंगलवार का हाईकोर्ट का आदेश जिला जेल प्रशासन को मिल गया। विधायक अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी जेल पहुंच गए। शाम सात बजे जेल से रिहाई के बाद गाजीपुर के लिए रवाना हो गया।
दो साल से अधिक समय तक यहां रहा था बड़ा भाई
मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा और मऊ विधायक अब्बास अंसारी को भी कासगंज जेल भेजा गया था। दो साल से अधिक समय तक विधायक अब्बास अंसारी हाई सिक्योरिटी बैरिक में रहे। सात मार्च को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई हुई थी।
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