Bulandshahr Accident Update: मां और बेटे की एक साथ चली गई जान, बूढ़ी दादी की आंखें पथराईं
कासगंज के रफायतपुर गांव से गोगा जाहरवीर जा रहे श्रद्धालुओं से भरे ट्रैक्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से कोहराम मच गया। इस हादसे में विनोद और उनकी मां रामबेटी की मृत्यु हो गई जबकि विनोद का बेटा प्रिंस गंभीर रूप से घायल है। पूरे गांव में शोक की लहर है और मृतकों के परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
संस, जागरण.कासगंज। रविवार की शाम हसी खुशी भरे माहौल में गांव रफायतपुर के सभी जाती श्रद्धालु गोगा जाहरवीर जाने के लिए ट्रैक्टर में सवार हुए। हर किसी के मन में गाेगा जारहवीर के प्रति श्रद्धा के भाव उमड़ रहे थे। गांव की रामबेटी और उनका पुत्र विनोद, नाती प्रिंस के साथ जत्थे में शामिल हुए। उन्हें नहीं मालूम था कि यह सफर उनका अंतिम सफर होगा। दुर्घटना में मां बेटी की जान चली गई जबकि प्रिंस की हालत गंभीर बनी हुई है।
गांव रफायतपुर में एक सप्ताह पहले से गोगा जाहरवीर की जात के लिए योजना तैयार हुई। गांव का ही ट्रैक्टर बुक किया गया। गांव के लोगों ने अपने जानने वाले आस−पड़ोस के गांव के श्रद्धालुओं को भी अपने जत्थे में शामिल कर लिया।
बेटा प्रिंस और रामबेटी भी थे शामिल
बसंत नगर और मिलकिनिया के लोग भी जात को रवाना हुए। विनोद ने अपनी मां रामबेटी से कहा कि वह भी तैयार हो जाए उन्हें जात के लिए जाना है। इस पर मां ने खुशी-खुशी हामी भर दी। बेटा प्रिंस भी तैयार हो गया। तीनों ट्रैक्टर में सवार होकर गांव से निकल पड़े। जैसे ही उनका ट्रैक्टर बुलंदशहर के थाना अरनिया के पास पहुंचा तभी हादसा हो गया और मां बेटे की जान चली गई। नाती सुरक्षित है। परिवार में कोहराम मचा हुआ है। रिश्तेदार भी पहुंच रहे हैं।
बहन की तरह बुआ को लाड करतो मेराे लाल विनोद
गोगा जाहरवीर जाने वाले गांव रफायतपुर के श्रद्धालुओं के जत्थे में गांव के विनोद उसकी रामबेटी, बेटा प्रिंस भी शामिल थे। उन्हें नहीं पता था कि वे अब वापस घर नहीं आएंगे। दुर्घटना में विनोद की मृत्यु हो गई। जबकि उसका पुत्र घायल है। घर पर सात वर्षीय बेटी पायल मौजूद है। घर में मौजूद विनोद की बूढ़ी दादी अपने होश हवास खो बैठी हैं। परिवार के अन्य लोग महिलाएं घर पर मौजूद हैं।
बुआ मानवती का बुरा हाल
पड़ोस के गांव में व्याही उसकी बुआ मानवती का रो-रोकर बुरा हाल है। बार-बार बुआ की जुबान से वही शब्द निकल रहे है कि अपनी बहन की तरह बुआ को लाड करतो मेरे लाल विनोद। बुआ बार-बार यह भी दोहरा रही है। कि उसे विनोद से मिलता दो उसे प्रिंस से मिलवा दो।
परिवार के लोगों ने बताया कि विनेाद दो भाई हैं। इनकी कोई बहन नहीं है। बुआ ही इनके राखी बांधती चली आ रही हैं। बुआ को ही बहन की तरह परिवार में मान्यता दी गई और उसी तरह सभी स्वजन बुआ मानवती के साथ बहन जैसा ही व्यवहार करते आ रहे हैं। बुआ का कहना है कि कुछ दिन पहले ही वह रक्षाबंधन पर दोनों भाईयों के राखी बांधकर गई थी। उसे नहीं पता था कि वह अपनी भतीजे विनोद को यह अंतिम राखी बांध रही है।
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