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    वाह बिटिया.....सेना में अफसर बन रचा इतिहास, बढ़ाया परिवार का मान

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 04:44 PM (IST)

    Mukta Yadav Lieutenant कानपुर देहात की मुक्ता यादव सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में इंजीनियर कोर की ट्रेनिंग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। मुक्ता के दादा-दादी और पिता ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है।

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    ट्रेनिंग सेंटर में दादा छेदी लाल के साथ सेना में लेफ्टिनेंट बनीं मुक्ता यादव। सौ. स्वजन

    संवाद सहयोगी, जागरण झींझक। कानपुर देहात की बेटी आज के युवाओं के लिए मिसाल बन गई है। खासतौर पर उन युवाओं के लिए जो अपनी असफलता से निराश रहते हैं। जो जिंदगी में मुकाम हासिल करना चाहते हैं लेकिन शुरुआत में मिलने वाली असफलता को ही सच मान लेते हैं। ऐसे युवाओं को मुक्ता की कहानी प्रेरणा देगी।

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    सिकंदरा तहसील क्षेत्र के संदलपुर ब्लाक के बहादुरपुर गांव की बेटी मुक्ता यादव ने इतिहास रच दिया है। मुक्ता सेना में लेफ्टिनेंट बनीं हैं और जिले की पहली बेटी हैं जिन्होंने यह गौरव हासिल किया है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल परिवार बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन हुआ है। मुक्ता ने ओटीए से इंजीनियर कोर की ट्रेनिंग में बेहतर प्रदर्शन कर रजत पदक जीता है।

    आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) से इंजीनियरिंग कोर की ट्रेनिंग पूरी की। इस दौरान उन्होंने बेहतर प्रदर्शन कर रजत पदक हासिल किया। यह सम्मान उन्हें महिला कैडेट के रूप में अपनी मेहनत और लगन से मिला है। मुक्ता के दादा छेदीलाल यादव और दादी श्रीदेवी ने अपनी नातिन की इस उपलब्धि पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि मुक्ता ने पूरे परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। गांव में खुशी का माहौल है, लोग लगातार उनके घर पहुंचकर शुभकामनाएं दे रहे हैं।

    सिकंदरा तहसील क्षेत्र में आने वाले संदलपुर ब्लाक के बहादुरपुर गांव की मुक्ता यादव को सेना में लेफ्टिनेंट बनने से परिवार काफी खुश है। मुक्ता के पिता जगरूप सिंह ने बताया कि आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में रजत पदक हासिल करने वाली पहली महिला कैडेट उनकी बेटी बनी है।

    मुक्ता के पिता जगरूप सिंह ने बताया कि उनकी बेटी ओटीए से रजत पदक पाने वाली पहली महिला कैडेट बनी हैं। उन्होंने बताया कि मुक्ता ने अपनी स्नातक की पढ़ाई ग्वालियर से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) की तैयारी शुरू की। तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर उन्होंने सेना में चयन पाया। मुक्ता की इस उपलब्धि से परिवार के अन्य सदस्य भी गदगद हैं। उनके छोटे दादा साहब सिंह यादव और सरनाम सिंह यादव ने कहा कि यह पूरे परिवार और गांव के लिए गर्व का पल है।