सावधान! फ्री WiFi के लालच में फंसे तो खाली हो सकता है बैंक अकाउंट, कोई भी लिंक खोलने से पहले 10 बार सोचें
साइबर ठगों से बचाव के लिए दैनिक जागरण विशेष संपादकीय अभियान में जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य वक्ता ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। वर्चुअल नंबर से आने वाली कॉल साइबर अपराधियों की होती है। इस तरह की कॉल को रिसीव नहीं करें। कोई भी थर्ड पार्टी एप प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें, सीधे किसी लिंक या वेबसाइट से डाउनलोड न करें। शादियों के सीजन में लोगों के पास अब ई-निमंत्रण कार्ड आते हैं। साइबर ठग अब एपीके फाइल या अन्य फार्मेट पर ई-निमंत्रण कार्ड के जरिए लिंक बनाकर भेजने लगे हैं। इन लिंक को खोलने में सतर्कता बरतनी चाहिए।
सार्वजनिक स्थल पर उपलब्ध फ्री वाईफाई की सुविधा का प्रयोग न करें। इससे आपके मोबाइल का डेटा चोरी हो सकता है। परिचित का हाट स्पाट या अपने मोबाइल का डाटा ही प्रयोग करें। ठग चंद सेकेंड में संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से रकम उड़ा सकते हैं। ये बातें गुरुवार को दैनिक जागरण के विशेष संपादकीय अभियान लुटेरा आनलाइन में जागरण इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट साकेत नगर में कार्यशाला के दौरान साइबर सेल के एक्सपर्ट व सब इंस्पेक्टर पुनीत तोमर ने कही।
छात्रों को किया गया जागरूक
उन्होंने विद्यार्थियों को साइबर अपराध के तरीके और उनसे बचाव के प्रति जागरूक किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इंस्टाग्राम, फेसबुक और वाट्सएप पर टू स्टेप वेरीफिकेशन रखें। इंस्टाग्राम का अकाउंट मोबाइल नंबर और आइडी से बनाया जाता है। आइडी और मोबाइल नंबर हैक होने से बचाया जा सकता है। जीमेल आइडी हैक हो सकती है, इसके लिए भी मजबूत पासवर्ड बनाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Cyber Crime: 13 रुपये का पेमेंट और 44 हजार कर दिए पार, साइबर ठगों ने प्रोफेसर को फंसाने के लिए बिछाया ऐसा जाल
.jpg)
साइबर अपराध से बचाव के तरीके
निदेशक डॉ. दिव्या चौधरी ने बताया कि साइबर अपराध के तरीके व बचाव के लिए जागरूकता लाने को हुई कार्यशाला में छात्रों को विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों से परिचित कराया गया। जैसे फिशिंग, हैकिंग, पहचान की चोरी और आनलाइन धोखाधड़ी। विस्तृत प्रस्तुतियों और इंटरैक्टिव चर्चाओं ने इन जटिल विषयों को स्पष्ट करने में मदद की, जिससे छात्र आनलाइन संभावित खतरों के प्रति अधिक जागरूक हो गए।
छात्रों को दी गई कानूनी जानकारी
इसके अलावा कार्यशाला में जनसंपर्क अधिकारी प्रतिमा गुप्ता ने कहा कि यह डिजिटल साइबर अपराध व साक्षरता कार्यशाला सभी उम्र के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें विभिन्न साइबर धोखाधड़ी के प्रकार, पहचान चुराने के तरीके और उनसे बचने के उपायों पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों को अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करने और आनलाइन खतरों से निपटने के बारे में जानकारी मिली। साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग व निपटने के कानूनी पहलुओं के बारे में भी बताया गया। इस मौके पर जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ जेएन गुप्त, डीन एकेडमिक्स डा. अनिल सिंह, मधु श्रीवास्तव, प्रेमलता शर्मा, आशीष मिश्रा, आनंद दीक्षित, प्रतीक दुबे सहित स्टाफ सदस्य व विद्यार्थी मौजूद रहे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।