विक्रम कोठारी: लिखते-लिखते लव हो जाए.., पान पराग से मिली शोहरत और पेन किंग के नाम से हुए मशहूर
कानपुर शहर के प्रमुख उद्योगपति रोटोमैक कंपनी के निदेशक विक्रम कोठारी ने पिता मनसुख भाई कोठारी के साथ मिलकर पान पराग पान मसाला को बुलंदियों तक पहुंचाया था । उनकी कपंनियों के स्लोगन भी खासा चर्चित हुए ।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर शहर के जाने माने उद्योगपति विक्रम कोठारी देश-दुनिया में पेन किंग के नाम से भी मशहूर हुए थे। पिता की पान पराग कंपनी से अलग होकर रोटोमैक कंपनी बनाई और पेन लांच किया। रोटोमैक पेन ही नहीं उसका स्लोगन- 'लिखते लिखते लव हो जाए...' सभी को रट गया था। विक्रम कोठारी ने पान पराग से शोहरत पाई थी, जिसका स्वाद और स्लोगन- 'बरातियों का स्वागत पान पराग से करिए' लोगों की जुबां पर छा गया था।
पिता के साथ पान पराग को बुलंदियों पर पहुंचाया : कानपुर के प्रमुख उद्योगपति मनसुख भाई कोठारी पान मसाला बनाने की शुरुआत की थी, जिसमें उनके बड़े बेटे विक्रम कोठारी का खासा सहयोग रहा। वर्ष 1970 के आसपास 5 रुपये के 100 ग्राम के पान मसाले का पाउच बाजार में उतारा। पिता के साथ मिलकर विक्रम कोठारी की मेहनत से ‘पान पराग’ देश-दुनिया में छा गया और हर जुबां पर पान पराग सुनाई देने लगा। फिल्मी पर्दे और टीवी सीरियल के विज्ञापन का स्लोगन- बरातियों का स्वागत पान पराग से करिये... भी लोगों की जुबां पर चढ़ गया। पान पराग ने खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका व यूरोप तक पहुंचकर खूब नाम कमाया।
पेन किंग के नाम से हुए मशहूर : पारिवारिक कारणों से विक्रम कोठारी को पान पराग से अलग होना पड़ा और फिर उन्होंने आयात-निर्यात का कारोबार शुरू किया। उन्होंने पान मसाला का अपना अलग ब्रांड दम नाम से लांच किया। दम पान मसाला को वह पान पराग जैसा पपुलर ब्रांड नहीं बना पाए, इस दरमियान उन्होंने रोटोमैक नाम से कपंनी बनाई और वर्ष 1995 में पेन लांच किया। पान पराग की तरह उनका रोटोमैक पेन देश-दुनिया में छा गया और वह पेन किंग के नाम से मशहूर हुए। इस सफलता में भी उनके रोटोमैक पेन का स्लोगन- लिखते लिखते लव हो जाए... भी खासा चर्चित रहा और हर जुबां पर काफी समय तक छाया रहा। इसके साथ-साथ उन्होंने यस मिनरल वाटर भी लांच किया, जो काफी सफल साबित हुआ। हालांकि उनके द्वारा यस ब्रैंड से बाजार में उतारी नमकीन की बड़ी रेंज और ‘ब्रेन कंप्यूटर्स’ को भी बाजार में उतारा था, जो खास सफल नहीं रहे।
महंगी गाड़ियों का था शौक, सलमान-रवीना से कराया था विज्ञापन : उद्योग जगत में कानपुर का नाम रोशन करने वाले विक्रम कोठारी को महंगी कारों का खासा शौक था। मार्केट में कोई गाड़ी आती तो सबसे पहले वो गाड़ी उनके पास होती थी। कानपुर की तंग सड़कों पर जहां उनकी कार रुकती थी, उसे देखने के लिए लोग ठहर जाते थे। उन्हें पार्टियों करने का भी खासा शौक था और पार्टियों में फिल्म स्टार्स को आमंत्रित करते थे। उन्होंने फिल्म अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री रवीना टंडन से रोटोमैक पेन का विज्ञापन भी करवाया था।
सर्वश्रेष्ठ निर्यातक का मिला सम्मान : विक्रम कोठारी का जन्म 12 अक्टूबर 1949 को हुआ था। पिता से गुर सीखकर उन्होंने पान पराग, रोटोमैक पेन और यस मिनरल वाटर लांच करके एक सफल बिजनेसमैन के रूप में पहचान बनाई थी। वर्ष 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सर्वश्रेष्ठ निर्यातक सम्मान से उन्हें नवाजा था। वह लायंस इंटरनेशनल के भी निदेशक भी रहे।
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उद्योग जगत में शोक की लहर : मंगलवार को रोटोमैक कंपनी के प्रबंध निदेशक विक्रम कोठारी के निधन की सूचना मिलते ही उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई और उनके तिलक नगर स्थित बंगले पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। उनके शोकाकुल परिवार में पत्नी साधना, बेटा राहुल, पुत्रियां एकता, नम्रता, काजल तथा छोटे भाई दीपक कोठारी व बहन रीता हैं। छोटे भाई दीपक कोठारी के मुताबिक 72 वर्षीय बड़े भाई सुबह आवास में 11:10 बजे बाथरूम में नहाने गए थे, जहां अचानक अचेत होकर गिर गए। पांच मिनट के अंतराल में उनका निधन हो गया, हृदय गति से रुकने की बात कही जा रही है। पिछले वर्ष मार्च माह में ब्रेन स्ट्रोक पड़ने पर उन्हें लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह बीते चार साल से हाई बीपी, शुगर से पीड़ित थे।
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