Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    रोटोमैक ग्रुप के प्रबंध निदेशक विक्रम कोठारी का कानपुर में निधन, कल भैरव घाट पर होगा अंतिम संस्कार

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Tue, 04 Jan 2022 12:40 PM (IST)

    Vikram Kothari Passes Away कानपुर में पान मसाला एवं रोटोमैक कंपनी के प्रबंध निदेशक विक्रम कोठारी का नाम नामचीन कारोबारियों में शुमार था । पारिवारिक बंटवारे के बाद पान पराग से अलग होकर उन्होंने आयात निर्यात का कारोबार शुरू किया था ।

    Hero Image
    कानपुर में विक्रम कोठारी के निधन से शोक।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। रोटोमैक ग्रुप के प्रबंध निदेशक 72 वर्षीय विक्रम कोठारी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। पान मसाला और रोटोमैक पेन लांच करके बड़े कारोबारियों में शुमार विक्रम कोठारी शहर के तिलक नगर स्थित आवास में थे। मंगलवार को पूर्वाह्न करीब सवा ग्यारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली, हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु की बात कही जा रही है। घर में काम करने वाले नौकरों ने उनके निधन की सूचना सबसे पहले लखनऊ में पत्नी और बेटे को दी। इसके बाद शहर में रहने वाले रिश्तेदारों का घर पर आना शुरू हो गया। उनके निधन की सूचना के बाद उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके छोटे भाई दीपक कोठारी ने बताया कि, विक्रम कोठारी की अंतिम यात्रा उनके निज निवास संतुष्टि 7/23 तिलक नगर कानपुर से बुधवार सुबह नौ बजे भैरव घाट के लिए प्रस्थान करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दम पान मसाला का कारोबार करने वाले विक्रम कोठारी ने रोटोमैक पेन लांच करके कंपनी की शुरुआत की थी। उनका नाम बड़े कारोबारियों में शुमार था। वह आयात निर्यात के कारोबार से भी जुड़े हुए थे और 1999 में पारिवारिक बंटवारे के बाद पान पराग से अलग हुए थे। वर्ष 1997 में प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्यातक के रूप के अवार्ड से नवाजा गया था। उन्होंने रोटोमैक कंपनी 1995 में शुरू की थी और अगले 10 वर्ष में कंपनी 100 करोड़ की हो गई थी। विक्रम कोठारी इसे 20000 करोड़ की कंपनी बनाना चाहते थे।

    वह पत्नी साधना और बेटे राहुल कोठारी समेत परिवार के साथ कानपुर के तिलक नगर स्थित बंगले में रह रहे थे। मंगलवार को वह घर में अकेले थे और पत्नी व बेटा लखनऊ गए हुए थे। सुबह नौकरों ने उन्हें अचेत पाया और डॉक्टर को बुलवाया। इससे पहले उनका निधन हो गया, हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु होने की बात कही जा रही है। वह चार साल से हाई बीपी, शुगर से पीड़ित थे।बताया गया है कि बीते मार्च माह में ब्रेन हैमरेज होने पर भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कानपुर से एयर एंबुलेंस से उन्हें लखनऊ शिफ्ट किया गया था, जहां अपोलो अस्पताल में उन्हें आइसीयू में रखा गया था। उस समय भी वह घर में गिरकर अचेत हो गए थे।