उत्तर प्रदेश में बाढ़-बारिश और हाहाकार, चित्रकूट और औरैया में चार लोगों की मौत, कानपुर में गंगा ने बढ़ाई बैचेनी
उत्तर प्रदेश में तेज बारिश और बाढ़ की वजह जनधन की हानि हो रही है। चित्रकूट में दीवार गिरने की वजह से चार बकरियों सहित एक महिला की मौत हो गई। जबकि औरैया में छत गिरने से दादी और दो पौत्रियां दब गईं। मलबे की वजह से तीनों की मौत हो गई। इधर गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा।

जागरण टीम, कानपुर। Uttar Pradesh Rain Flood Alert: उत्तर प्रदेश में बारिश और बाढ़ की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। पहले यमुना की बाढ़, फिर गंगा का रौद्र रूप तटवर्ती जिलों की बैचेनी बढ़ा रहा है। वहीं तेज बारिश की वजह से कच्चे और जर्जर घर गिर रहे हैं। बारिश की वजह से चित्रकूट में दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गई। वहीं, औरैया में कच्ची छत गिरने से उसमें दबकर एक दादी और उनकी दो पौत्रियों ने दम तोड़ दिया।
Chitrakoot में कच्ची दीवार गिरने से महिला की मौत, दो बच्चे घायल
चित्रकूट कोतवाली क्षेत्र में रात भर हुई बारिश से घर की कच्ची दीवार गिरने से घर के अंदर बंधी चार बकरियों सहित एक महिला की दबकर मौत हो गई। जबकि महिला के एक बेटी और एक बेटा दबकर घायल हो गया। दीवार गिरने से कई घंटों तक गांव में अफरातफरी का माहौल रहा है। घटना की जानकारी पर खुद एसडीएम मऊ सौरभ यादव और क्षेत्राधिकारी मऊ फहद अली थाना प्रभारी दुर्ग विजय सिंह के साथ मौके पहुंचे।
बकरियां भी मलबे में दबीं
शेशा सुबकरा गांव निवासी 44 वर्षीय सुमैंना पत्नी छोटेलाल शुक्रवार सुबह 9 बजे अपने घर में अपने 12 वर्षीय बेटे मनीष और 16 वर्षीय बेटी मनीषा के साथ भूसा निकालने और अंदर बंधी बकरियों को बाहर निकालने गईं थी। तभी कच्चे मकान की दीवार गिर जाने से महिला और उसके बेटे बेटियां सहित घर के अंदर 8 बकरियां मलबे में दब गईं। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने दौड़कर महिला के बेटे और बेटी सहित चार बकरियों को तुरंत बाहर निकाल लिया है जिससे घायल दोनों बेटे और बेटी को इलाज के लिए मऊ स्थित सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में भर्ती करवाया गया। वहीं दो घंटे तक चली कड़ी मशक्कत के बाद महिला सहित चार बकरियों को बाहर निकाला जिसमें से चार बकरियों सहित महिला की मौके ओर ही मौत हो गई थी।
Auriya में दादी और दो पौत्रियों की दम घुटने से हुई मौत
सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव जैतापुर में बुधवार रात करीब 10.30 बजे कमरे की कच्ची छत भरभराकर गिर गई थी। जिसमें टीवी देख रही पौत्री और पूजा कर रही दादी दब गई। छत गिरने की आवाज से ग्रामीण इकठ्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और कड़ी मसक्कत के बाद करीब 1.10 घंटा बाद तीनों को बाहर निकाला और शहर स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय ले गए। जहां पर चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर डीएम और एसपी अभिजीत आर संकर समेत अन्य अधिकारी पहुंचे थे। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दम घुटने की पुष्टि हुई है।
Kanpur में 24 घंटे में 22 सेंटीमीटर बढ़ा, गांवों में अलर्ट
कानपुर में गंगा का जलस्तर 24 घंटे में 22 सेंटीमीटर बढ़ गया है। शुक्रवार को शुक्लागंज की तरफ गंगा का जलस्तर 111.64 मीटर पहुंच गया है। गुरुवार को 111.42 मीटर था। चेतावनी बिंदु 113 मीटर है। चेतावनी बिंदु से गंगा का जलस्तर 1.34 मीटर दूर है। अफसरों का कहना है कि अभी और गंगा का जलस्तर बढ़ेगा। इसको लेकर शुक्लागंज की तरफ गंगा के किनारों से जुड़े गांवों में सतर्कता बढ़ा दी गयी है। बनिया पुरवा, भारत पुरवा नत्थू पुरवा चैनपुरवा,ईश्वरी गंज रमेल का कटरी इलाका बनिया पुरवा दुर्गापुरवा, मक्कापुरवा,चैनपुरवा,भगवान दीनपुरवा समेत आसपास के गांवों में सतर्कता बढ़ा दी है।
Unnao में गंगा बढ़ने से तटवर्ती के लोग अलर्ट
गंगा नदी का जलस्तर बीते 20 घंटों में 12 सेंटीमीटर और बढ़ गया है। शुक्लागंज में गंगा का चेतावनी बिंदु 112.000 मीटर व खतरे का निशान 113.000 मीटर पर है। फिलहाल गंगा चेतावनी बिंदु से 38 सेंटीमीटर दूर है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार बीते गुरुवार को शाम छह बजे गंगा नदी का जलस्तर 111.500 मीटर रिकार्ड किया गया था। जो कि शुक्रवार दोपहर दो बजे 12 सेंटीमीटर बढ़कर 111.620 मीटर हो गया है। तटवर्ती मुहल्लों में रहने वाले लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। प्रशासन सतर्क है।
Fatehpur गंगा के चेतावनी बिंदु से 11 सेमी ऊपर पहुंची
यमुना का जलस्तर बाढ़ जैसी विभीषिका का दर्द देने के बाद घटता जा रहा है। शुकवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य भी धीमी गति से चलते हुए दिखाई दिए। वहीं बाढ़ की जद में आए प्रभावित घरों को दुरुस्त करते रहे। यमुना का जलस्तर 1.66 मीटर घटकर 93.27 मीटर जा पहुंची हैं। वहीं गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से अब तक 11 सेमी जा पहुंचा है। गंगा 99.91 मीटर जा पहुंचा। खतरे के निशान से 95 सेमी नीचे बह रही है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि यमुना का जलस्तर घटा है और गंगा में जलस्तर की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों से जुड़े लेखपालों और राजस्व कर्मियों को अलर्ट मोड में काम करने के निर्देश दिए हैं।
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