UP Flood Alert: उत्तर प्रदेश में यमुना के बाद अब गंगा का बढ़ रहा जलस्तर, बाढ़ से सहमे इन जिलों के लोग
UP Flood Alert उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यमुना नदी ने इटावा हमीरपुर बांदा सहित कई जिलों में एक हजार से ज्यादा गांवों के लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। वहीं मकान तक गिर गए। यमुना के बाद अब गंगा ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।

जागरण टीम, कानपुर। उत्तर प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद नदियां उफान पर हैं। इटावा से लेकर फतेहपुर, बांदा और हमीरपुर में यमुना नदी कहर बरपा रही है। हजारों गांव जलमग्न हो गए हैं, मकान गिर गए हैं। लोग बेघर होकर हाईवे किनारे शिविरों में रहने को मजबूर है। अब यमुना धीरे-धीरे शांत हो रही तो गंगा का जलस्तर तेजी से रिहायशी इलाकों की तरफ आ रहा है। कानपुर में बिठूर और जाजमऊ में घाट पूरी तरह से डूब गए हैं। वहीं नरौरा, हरिद्वार और बिजनौर बांध से छोड़े पानी अभी जलस्तर और बढ़ेगा।
कानपुर में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 22 सेंटीमीटर बढ़ गया है। मंगलवार को शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 111.15 मीटर था जो बुधवार को 111.37 मीटर पहुंच गया। तेजी से गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग और प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। गंगा के किनारे के गांवों में लोगों को सतर्क कर दिया गया है। पानी गांव में आने पर तुरन्त अफसरों को जानकारी दे। वहीं परमट व सरसैया घाट में भी सीढ़ियों तक गंगा का जल पहुंच गया। अटल घाट की आधी सीढ़ियां डूब गयी है।
Kannauj में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा, दहशत में ग्रामीण
गंगा का जलस्तर अब तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को कन्नौज शहर के मेहंदी घाट पर गंगा का जलस्तर 124.41 मीटर दर्ज किया है। इससे चेतावनी बिंदु 124.70 मीटर से अब सिर्फ 29 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर दूर है। प्रभारी राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने बाढ़ प्रभावित कासिमपुर गांव का दौरा कर ग्रामीणों से वार्ता की। डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट है।
फर्रुखाबाद के ढाई घाट से शाहजहांपुर मार्ग पर गांव चौरा के पास सड़क पर बहता बाढ़ का पानी। जागरण
Farrukhabad में गांव में पहुंचा गंगा का पानी
बुधवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 137.10 मीटर से सिर्फ 10 सेमी कम है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक नरौरा बांध से 115180 क्यूसेक , हरिद्वार से 179903 क्यूसेक , बिजनौर से 226599 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा के जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका है। रामगंगा का जलस्तर गेज के नीचे है। खो, हरेली, रामनगर से रामगंगा में 104733 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे रामगंगा के जलस्तर में वृद्धि होने की आशंका बढ़ गई है। गंगा के तटवर्ती गांव तीसराम की मडैया , बंगला, आशा की मडैया , बमियारी गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
Fatehpur में यमुना नीचे, गंगा पांच सेमी बढ़ीं
फतेहपुर में 24 घंटे में 2.27 मीटर यमुना का जलस्तर घटकर 96.99 मीटर रह गया है। गंगा का जलस्तर पांच सेमी बढ़कर 99.63 हो गया है। बाढ़ प्रभारी निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही अभी खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है। वहीं बिंदकी तहसील के ब्लाक के न्योरी जलालपुर गांव में चौथ मकान गिरा है। राजेश्वरी पत्नी स्व. मान सिंह की कच्ची कोठरी गिर गई।
Banda में केन व यमुना नदियों का घटा जलस्तर
एमपी समेत जिले में हो रही बारिश के चलते केन व यमुना नदियां ऊफान पर रहीं। लिहाजा पैलानी समेत कमासिन क्षेत्र में आवागमन प्रभावित रहा। सबसे ज्यादा समस्या पैलानी क्षेत्र में रही। यहां के पांचों रपटे डूबने के साथ ही कई मजरे टापू बन गए। चिल्ला समेत आसपास के गांवों में पानी घरों तक भर गया। लेकिन इधर कई दिनों से केन व यमुना नदी का जलस्तर कम होने लगा है।
जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा नदी का दृश्य। जागरण
Unnao में अलर्ट
उन्नाव में गंगा नदी का जलस्तर फिर से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर बीते मंगलवार शाम छह बजे 111.230 मीटर रिकार्ड किया गया था। जो कि बुधवार को सुबह दस बजे 111.350 मीटर रिकार्ड किया गया है। 20 घंटों में गंगा नदी का जलस्तर 12 सेंटीमीटर बढ़ा है। शुक्लागंज में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 112.000 मीटर व खतरे का निशान 113.000 मीटर है।
Etawah में चंबल का भी जलस्तर गिरा
इटावा में चंबल नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। दोपहर एक बजे तक नदी का जलस्तर 114.37 मीटर रहा। जो खतरे के निशान से 6 मीटर नीचे है। यमुना नदी का जलस्तर धीरे धीरे बढ़ने लगा है। मंगलवार रात से 1-2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। दोपहर एक बजे 119.07 मीटर रहा। हालांकि खतरे के निशान से अभी नीचे है।
Hamirpur में धीरे-धीरे राहत
यमुना और बेतवा दोनों ही नदियों का जलस्तर घट गया है। दोनों नदियां मौजूदा समय में खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। केंद्रीय जलायोग के कुशल कार्य सहायक रामसहांय ने बताया कि दोनों नदियां आठ सेमी.प्रतिघंटा की रफ्तार से घट रही हैं। वहीं मौदहा बांध से 700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। फिलहाल अन्य किसी बांध से अब पानी छोड़ने की कोई सूचना नही है।
Chitrakoot में राजापुर-बांदा मार्ग में पानी हुआ कम
चित्रकूट में यमुना नदी भी तेजी से उतर रही है। बुधवार को करीब तीन मीटर जल स्तर उतर गया है। अपराह्न तीन बजे यमुना 89.22 मीटर पर थी, राजापुर-बांदा मार्ग में पानी कम हो गया है। लोग अब वाहन लेकर निकलने लगे हैं। शिविर में ठहराए गए लोग भी अपने घरों को लौटने लगे हैं हालांकि गंदगी से बीमारी फैलने का डर है। अब प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। कृषि विभाग के मुताबिक बाढ़ और बारिश में 7218 हेक्टेयर क्षेत्रफल की ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उर्द और तिल आदि की फसलो का नुकसान हुआ है। जबकि 10 से अधिक मकान गिरे हैं।
Auraiya में चेतावनी बिंदु से नीचे आई यमुना
यमुना का जल स्तर लगातार कम रहा रहा है। बुधवार 108.28 मीटर पहुंच गया है। चेतावनी बिंदु 112 मीटर और खतरे का निशान 113 मीटर है। प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
Jalaun में नाले में मिला किशोर का शव
उरई में दो दिन से यमुना नदी की पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया जिससे गांवों से पानी तो उतर गया लेकिन सिल्ट जमने से समस्या बढ़ गई है। यमुना का खतरे का निशान 108 मीटर पर है जबकि अभी जलस्तर 104 मीटर पर पहुंच गया है। बेतवा का जलस्तर अब सामान्य है। वहीं जालौन क्षेत्र के ग्राम सींगपुरा में मंगलवार की शाम को 14 वर्षीय विक्की बकरी चराने गया था। बुधवार की सुबह उसका शव पास में ही बने नाले के पानी में उतराता मिला।
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