UP Flood: यूपी में फिर बाढ़ का संकट, गंगा-यमुना का रौद्र रूप, ग्रामीणों का पलायन शुरू, आज आ सकता और पानी
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का संकट गहरा गया है। नरौरा और हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़े जाने से गंगा Uttar Pradesh Floods यमुना और चंबल नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। फर्रुखाबाद उन्नाव कन्नौज और फतेहपुर के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। बांदा में तालाब में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।

जागरण टीम, कानपुर। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बाढ़ का संकट छा गया है। नरौरा व हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, युमना, चंबल समेत सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। फर्रुखाबाद, उन्नाव, कन्नौज, फतेहपुर में तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। फर्रुखाबाद में बाढ़ के पानी में मगरमच्छ आने से ग्रामीण खौफजदा हैं। बांदा में तालाब में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं, नरौरा बांध से 2,21,804 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे रविवार को और ज्यादा पानी आ सकता है।
फर्रुखाबाद में गंगा का पानी घरों में भरा होने से जनजीवन अस्तव्यस्त है। बाढ़ के पानी में मगरमच्छ आने से ग्रामीण खौफजदा हैं। उन्नाव में गंगा नदी का जलस्तर बीते 15 घंटे में तीन सेंटीमीटर बढ़ा है। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर शनिवार को एक सेमी घटा तो यमुना का जलस्तर 91 सेमी बढ़ा हुआ दर्ज किया गया।
कन्नौज में कासिमपुर गांव में बाढ़ से डूबी झोपड़ी। जागरण
कन्नौज के कासिमपुर और बख्सीपुर्वा के ग्रामीणों ने पलायन शुरू कर दिया है। इटावा में यमुना का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। काली बांह मंदिर के सामने कुछ दूरी पर स्थित यमुना नदी के किनारे धूत पापेश्वर मंदिर परिसर में भी करीब डेढ़ फीट पानी भर गया है। शिवलिंग के सामने बैठे नंदी पानी में डूबे हुए हैं। हमीरपुर में यमुना का जलस्तर आठ सेंमी व बेतवा का नौ सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
कानपुर देहात में यमुना के बढ़ते जलस्तर से भोगनीपुर के चपरघटा, पथार समेत आसपास के गांव के लोगों की चिंता फिर से बढ़ने लगी है। उरई के रामपुरा क्षेत्र में पहुज, सिंध, यमुना, क्वांरी चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
औरैया में यमुना नदी का जल स्तर दो दिनों से लगातार बढ़ रहा है। अजीतमल के गोहानी कलां संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया है और आवाजाही बाधित हो गई है। बांदा में नरैनी के गांधीनगर मुहल्ला निवासी 55 वर्षीय छत्रपाल उर्फ छत्तू तालाब में नहाते समय पैर फसलने से गहरे पानी में चले गए। डूबने से उनकी मौत हो गई।
औरैया में गांव सिकरोड़ी में यमुना का दृश्य। ग्रामीण
Auriya में गोहानी कलां संपर्क मार्ग डूबा और सिकरोड़ी श्मशान घाट डूबा
पिछले दो दिनों से यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को यमुना का जलस्तर दोपहर दो बजे चेतावनी बिंदु 112 मीटर पार कर गया है। बढ़ते जलस्तर के चलते गोहानी कलां संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और लोग नाव से आ जा रहे हैं। गांव सिकरोड़ी में श्मशान घाट डूब चुका है। किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें तबाह हो चुकी हैं और फिर से खेतों में पानी भर गया है। सिकरोड़ी, गोहानी कलां, गोहानी खुर्द, जाजपुर, असेवटा, असेबा, जुहीखा, बडेरा, गूंज ततारपुर, गूंज, फरिहा, नौरी बीझलपुर, मिश्रपुर, मई, अस्ता, क्योटरा आदि गांवों में बाढ़ का खतरा है।
Kanpur Dehat में रास्तों में भरा पानी, नाव से आवागमन कर रहे ग्रामीण
भोगनीपुर क्षेत्र में यमुना का जलस्तर लगातार दो दिनों से बढ़ रहा है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंचने से तटवर्ती गांवों के खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें नष्ट हो रही हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने से इससे सेंगुर नदी का जल शनिवार को तीसरे दिन भी बढ़ा, जिससे आढ़न पथार, नगीना, कट्टापुरवा, बमरौली हंसपुर समेत आसपास गांव को जाने वाले रास्तों में पानी भर गया है। इससे लोगों का आवागमन प्रभावित है।
इटावा के ग्राम ककरैया को जाने वाली सड़क पर भरा पानी।जागरण
Etawah में छह गांव के रास्ते बंद
यमुना व चंबल में फिर से बाढ़ आने से शनिवार को तहसील क्षेत्र के छह गांवों व दो मंदिरों के रास्तों में पानी भरने से आवागमन बंद हो गया। यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 0.29 मीटर नीचे रह गया है, लेकिन चंबल का जलस्तर घटना शुरू हो गया है। इधर, यमुना नदी किनारे बसे गांव पानी से घिर रहे हैं। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर से शनिवार को तहसील चकरनगर क्षेत्र के गांव चकरपुरा, अम्दापुर, निवि, खिरीटी, रनिया, ककरैया के अलावा सिद्धनाथ व भारेश्वर मंदिर को जाने वाली सड़क पर पानी भर गया। शनिवार को यमुना नदी का जलस्तर 121.63 पर पहुंच गया, जो खतरा निशान 121.92 से मात्र 0.29 मीटर नीचे रह गया।
फर्रुखाबाद में राजेपुर डिप पर बाढ़ के पानी में निकलते ग्रामीण। जागरण
Farrukhabad में चार मकान गंगा में गिरे, तीन गांव खाली
फर्रुखाबाद में कटरी क्षेत्र में बाढ़ से घिरे गांवों में दुश्वारियां और बढ़ गई हैं। शनिवार को गांव ठठा की मड़ैया में चार मकान गंगा में गिर गए। अब तीन मकान पूरी तरह खाली हो गए हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से राजस्व कर्मी व ग्राम प्रधान के पुत्र वहां नहीं जा सके। वहीं एक अन्य प्रधान के पति भी गांव छोड़कर शहर में आ गए हैं।
Orai में यमुना, पहुज व सिंध में भी आया उफान
यमुना का जलस्तर तीसरी बार चेतावनी के निशान को पार कर गया है और खतरे के निशान के समीप पहुंच चुका है। दो महीने में तीसरी बार बाढ़ आने की संभावना को लेकर कई गांवों के लोग परेशान हैं। इसी तरह रामपुरा क्षेत्र में पहुज, सिंध, यमुना, क्वारी चंबल नदियों का लगातार पानी बढ़ रहा है। जिस कारण कई गांवों के किनारे खेतों में पानी भर गया जिस कारण किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो रही हैं। कई गांवों के लोग फिर से अपना सामान सुरक्षित करने लगे हैं। सिंध व पहुज का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। जिसको देखते हुए नदी के किनारे बसे गांव निनावली, किशनपुरा, चांदनपुरा, डिकौली जागीर, बिलौड़, जखेता, हुकुमपुरा, सुल्तानपुरा जागीर, सिद्धपुरा, रिठौरा, मिर्जापुरा जागीर, लक्ष्मनपुरा, सुंदरपुरा, कूसेपुरा, नरौल, कदमपुरा गांवों के ग्रामीणों में बाढ़ का खतरा सताने लगा है।
Maheva बाढ़ से पड़री, उरकरा कला समेत कई गांवों के रास्ते बंद
यमुना नदी में फिर से बाढ़ आ जाने के कारण नून नदी में भी बाढ़ आ गई है। जिससे पड़री, उरकरा कला सहित कई गांवों के रास्ते बंद हो गए हैं। इसी तरह बाढ़ का पानी बढ़ता रहा तो पिपरौंधा व सिकरी रहमानपुर के रपटा भी बाढ़ में डूब जाएंगे। यमुना नदी में अगस्त व सितंबर के बीच तीसरी बार बाढ़ आने से यमुना व नून नदी पट्टी के गांव के लोग बुरी तरह परेशान हो चुके हैं। बार-बार बाढ़ आने से महेवा, मंगरौल, सिमरा शेखपुर, शेखपुर गुढ़ा, हीरापुर, देवकली, कीरतपुर, मदारपुर, मैनूपुर, गुढ़ा खास, निबहना, गोरा कला, पिपरौंधा, सिकरी रहमानपुर, पाल, सरैनी के लोगों को भारी नुकसान पहुंचा है। हर बार रास्ते बंद हो जाने से गांव से होने वाला दूध आदि का व्यापार चौपट हो गया है।
Kannauj में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब
गंगा का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान के नजदीक बढ़ रहा है। इससे तटवर्ती ग्रामीणों में दहशत है। बाढ़ से कासिमपुर और बख्सीपुर्वा गांव में ग्रामीणों के मकान और झोपड़ी जलमग्न हैं। प्रशासन ने पूरी तरह से इन गांव को खाली करा दिया है। मौजूदा समय करीब 14 गांव में बाढ़ के हालात से जन जीवन प्रभावित है। शनिवार को नरौरा बांध से 2,21,804 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे यह पानी रविवार दोपहर तक जिले में पहुंचेगा। इससे खतरे का निशान पार होने की संभावना है।
Unnao में खतरे के निशान की तरफ फिर बढ़ी गंगा, कटान ने उड़ाई नींद
एक बार फिर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही खतरे के करीब पहुंच गया है। जिले के करीब 128.5 किमी. भाग में फैली नदी के तटवर्ती इलाकों में पानी बढ़ने की सूचना ने एक बार फिर से नींद उड़ा दी है। बांगरमऊ, से बक्सर के बीच खलबली मची हुई है। कई स्थानों पर सड़कों को कटान से बचाने के लिए ग्रामीण संबंधित विभाग की मदद से प्रयासरत हैं। इस बीच कई मार्गों पर आवागमन बंद व बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। शनिवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 113 मीटर के सापेक्ष जल आयोग के अनुसार 112.880 मीटर पहुंच गया है। जो शुक्रवार को 112.820 मीटर पर था। बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी क्षेत्र की गंगा कटरी में बाढ़ की चपेट में आए सैकड़ों परिवार जलस्तर बार बार बढ़ने से अभी तक उबर नहीं पाए हैं। गांव छोड़ कर दूसरे स्थानों पर बसे लोग अभी तक पूरी तरह से घर वापसी नहीं कर पाए हैं।
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