Flood Alert : यूपी में बाढ़ संकट, गंगा-यमुना उफान पर, डूबने से तीन की मौत
गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर घटने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तबाही का मंजर दिख रहा है। फर्रुखाबाद महोबा और औरैया में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई है। कई गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

जागरण टीम, कानपुर। गंगा व यमुना का जलस्तर जैसे-जैसे कम हो रहा त्रासदी की डरावनी तस्वीर सामने आ रही है। कई मकान गिरे हैं, तो कई जगहों पर खेतों में पानी भरा है। वहीं, अभी भी फर्रुखाबाद, उन्नाव, कन्नौज, फतेहपुर, इटावा, औरैया के तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। फर्रुखाबाद, महोबा व औरैया में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई।
फर्रुखाबाद में गंगा का चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर दर्ज है। गंगा चेतावनी बिंदु से 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जलस्तर कम होने के बावजूद अभी भी अंबरपुर की मडै़या, आशा की मडै़या, जगतपुर सहित कई गांवों में पानी भरा है। राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव कादर कुइयां निवासी रनवीर सिंह का 35 वर्षीय पुत्र राहुल शनिवार सुबह पैर फिसलने से रामगंगा में गिरने से डूब गया। ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद उसके शव को बाहर निकाल लिया।
उन्नाव में गंगा का जल स्तर काफी तेजी से घटना शुरू हो गया लेकिन लोगों की समस्याएं अभी भी बरकरार है। कन्नौज में गंगा का पानी सदर तहसील के 25 गांव में अभी भी पानी भरा हुआ है। काली नदी भी उफान पर है। फतेहपुर में गंगा तटवर्ती गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा है। महोबा में अजनर थाना क्षेत्र के महुआ बांध गांव निवासी 48 वर्षीय काली उर्फ करिया तालाब में नहाने गया था तभी गहराई में जाने से वह डूब गया और उसकी मौत हो गई। इटावा में यमुना का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे घटना शुरू हो गया है। औरैया में यमुना का जल स्तर लगातार कम हो रहा है। दिबियापुर निचली गंगा नहर में एक युवक का शव पड़ा मिला। अभी उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी।
इटावा के हनुमान घाट पर यमुना नदी का जल स्तर। जागरण
Etawah में खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर यमुना
यमुना नदी में आई बाढ़ का पानी भले ही घटना शुरू हो गया हो। बावजूद इसके यमुना शनिवार को खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर ही बह रही है। एसडीएम सदर विक्रम सिंह राघव ने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र में यमुना का पानी घट रहा है, पडराया जाने वाला रास्ता खुल गया है। बाढ़ के पानी से प्रभावित होने वाले गांवों में पडराया में 10 से 15, तोड़ा में 15 से 20, कसौंगा में पांच से 10 और सिलायता में दो घर शामिल हैं। करीब 35 से 40 घरों में बाढ़ का पानी भर गया था। प्रभावित लोगों को एक हजार से अधिक राशन किट बंटवाई जा चुकी हैं। इधर, चंबल नदी का भी जलस्तर गिरा है।
बाढ़ के पानी से होकर गांव आशा की मड़ैया जातीं महिलाएं। जागरण
Farrukhabad में अभी भी चेतावनी रेखा के ऊपर गंगा
फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर घटकर समुद्र तल से 136.75 मीटर ऊंचाई पर पहुंच गया है। शनिवार को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक नरौरा बांध से गंगा में 71,077 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा का जलस्तर और कम होने की संभावना है। रामगंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर घटकर चेतावनी रेखा के करीब 136.20 मीटर ऊंचाई पर पहुंच गया है। रामगंगा का चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर पर दर्ज है। खो, हरेली, रामनगर से रामगंगा में 8,153 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बदायूं मार्ग स्थित चित्रकूट डिप पर भी पानी कम हो गया। जिससे वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। आशा की मड़ैया व उदयपुर कंचनपुर संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बह रहा है। जिससे लोग नाव के सहारे व बाढ़ के पानी में निकलकर आवाजाही कर रहे हैं। चाचूपुर से भरखा जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। पट्टी दारापुर के निकट क्षतिग्रस्त सड़क पर भरे बाढ़ के पानी से स्कूली बच्चे ट्रैक्टर से जाते मिले। अंबरपुर की मड़ैया, अंबरपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, बरुआ, रामपुर, आशा की मड़ैया, पट्टी दारापुर, सैदापुर, जगतपुर, जोगराजपुर, कलक्टरगंज व आसमपुर के ग्रामीण सड़क के किनारे व मकान की छत पर मोमिया के नीचे परिवार के साथ गुजर करने को मजबूर हैं।
बाढ़ राहत शिविर खांगल बाबा में बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत किट का वितरण करते इंडियन रेडक्रास सोसाइटी के चेयरमैन डा. अनुराग श्रीवास्तव व टीम के सदस्य। जागरण
Fatehpur में बाढ़ प्रभावित नौ गांवों में 50 से अधिक बीमार
गंगा कटरी में बाढ़ प्रभावित गांव में रहने वालों की स्वास्थ्य विभाग सुधि नहीं ले रहा है। नौ गांवों के पचास से अधिक लोग बुखार, जुकाम, बदन दर्द से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम बाढ़ राहत शिविर से लौट जा रही हैं। हालांकि बाढ़ राहत शिविर से अधिक लोग गांव में रह रहे हैं। बीमार पड़ने पर यह लोग मेडिकल स्टोर व निजी क्लीनिक से दवाएं लेकर इलाज करा रहे हैं। गंगा कटरी के जाड़े का पुरवा में आठ, औसेरीखेड़ा सात, बंबुरीखेड़ा दो, मदारपुर तीन, दरियापुर कटरी 12, सदनहा सात, पचघरा एक, नयाखेड़ा छह, बिंदकी फारम में पांच लोग बुखार, जुकाम व बदन दर्द से पीड़ित बताए गए हैं। बीमार लोग बिना किसी जांच के बुखार की दवाएं खा रहे हैं।बाढ़ राहत शिविर महुआ घाट व खांगल बाबा में स्वास्थ्य विभाग की टीम आकर बीमारों को दवाएं दे रही हैं। गांव रह रहे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इस कारण गांव में बीमारी बढ़ती जा रही है।
बीघापुर के खुर्दहाई भागू खेड़ा स्थित राजकीय इंटर कालेज जाने वाले मार्ग पर भरा पानी व मझाकर आते जाते छात्र छात्राएं। जागरण
Bithoor में छह गांवों में पानी घटा
नवाबगंज व बिठूर के छह गांवों में गंगा का पानी कम हो गया लेकिन कीचड़ की वजह से मुसीबत है जबकि 24 गांव अब भी पानी भराव की समस्या से जूझ रहे हैं। 18 गांवों के साढ़े चार हजार ग्रामीण बैराज मार्ग पर शरण लिए हैं। वहीं, एक्सपायरी दवा बांटने के मामले में रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई की तैयारी है। सीएमओ ने बिना अनुमति स्वास्थ्य शिविर लगाने पर रोक लगा दी है। 4000 बीघा खराब फसलों के मुआवजा को लेकर भी किसान चिंतित हैं। बोले-सर्वे में नाम आने के बाद भी कुछ लोगों को ही मुआवजा मिलता है।
Shuklaganj में खतरे से 23 सेमी. नीचे पहुंची गंगा
गंगा नदी खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गई हैं। बीते 24 घंटे से गंगा नदी का जलस्तर 31 सेंटीमीटर कम हुआ है। हालात कहीं नहीं सुधरे हैं। दिक्कतें बरकरार हैं। बाढ़ग्रस्त मुहल्लों में सैकड़ों मकान पानी से घिरे हैं। घरों की नीचे की मंजिलों तक पानी भरा है। बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में प्रशासन ने 100 नावें लगाई हैं। लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित मुहल्लों में पीने के पानी तक की समस्या हो गई है। लोग नावों से या फिर पानी मंझाकर पीने के पानी का गैलन ला रहे हैं। फत्तेखेड़ा, सुखलालखेड़ा व भातूफार्म में बाढ़ पीड़त परिवारों को राशन किट दी गई है।
Unnao में गंगा नदी में बहा गढ़ेवा अप्रोज मार्ग
खतरे के निशान से नीच जा रही गंगा का जलस्तर तीसरे दिन भी घटा। लगातार कम हो रहे जलस्तर के बाद भी तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। अभी तक फतेहपुर चौरासी और परियर क्षेत्र की सड़कें कटान की भेंट चढ़ चुकी हैं। इसके बाद अब बीघापुर क्षेत्र में गढ़ेवा डोमनपुर कानपुर मार्ग पर गंगा नदी पुल का अप्रोच मार्ग पानी के साथ बह गया। उक्त पुल पर पहले ही आवागमन रुका होने के कारण किसी के हताहात होने की सूचना नहीं रही। वहीं फतेहपुर क्षेत्र में भी सरैया में पुल पर दीवार खड़ी करके आवागमन रोका गया है। जबकि परियर बिठूर मार्ग पर पानी घटने के बाद आवागमन शुरू करा दिया गया है। गंगा नदी पार की ग्राम पंचायत दूली खेड़ा के सभी मजरे अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। कटरी के लोगों का कहना है कि पानी कम हो रहा है, पर अभी कोई इसका लाभ नहीं मिल रहा हैं। यही हाल गंगा नदी के इस पर पसनिया खेड़ा मलुहा खेड़ा आदि का हैं। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को शाम को गंगा का जलस्तर 113.080 मीटर रिकार्ड किया गया था। जो शनिवार को शाम को 31 सेंटीमीटर कम होकर 112.770 मीटर हो गया है।
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